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रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन पर नीतियों की प्रकृति


रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेश
 ग्रामीण विकास मंत्रालय
(भू-संसाधन विभाग) 
रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन पर राष्ट्रीय नीति
परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए, वर्ष-2003
(भारत के गजट में प्रकाशित, अतिविशेष भाग-I, खंड 1,
सं.- 46, दिनांक 17 फरवरी,, 2004)
 
अध्याय - I: नीति
प्रस्तावना: 
1.1   जनता और मूलभूत ढांचा परियोजनाओं के तहत हटाए गए लोगों,  उन्हें अपना घर, संपत्ति और जीवन-यापन के साधन छोड़ देने का दबाव बनाने के लिए भूमि का अनिवार्य अधिग्रहण। लोगों को ज़मीन से निर्वासित करने, उनके रोजगार, साधनों के आधारों को हटाने के अलावा इससे अन्य मानसिक आघात और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव भी पड़ते हैं। भारत सरकार बड़े पैमाने पर लोगों को निर्वासित किए जाने की काफी हद तक न्यूनतम की आवश्यकता पर बल देती है और, जहां कहीं निर्वासन अपरिहार्य हो, परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन संबंधी मामलों बहुत सावधानी और दूरदर्शिता से संभाले जाने की आवश्यकता है। आदिवासियों, छोटे और मंझोले किसानों और महिलाओं के संबंध में भी विशेषकर ऐसी सोच रखने की आवश्यकता है।  
1.2   अधिकांश मामलों में, नगद क्षतिपूर्ति जैसी व्यवस्था से प्रभावित परिवार उपजाऊ कृषि भूमि, मकान और अन्य संसाधन खरीद नहीं पाते, जैसा उन्होंने सरकार को सौंप दिया होता है।  उन व्यक्तियों के लिए समस्या और गंभीर हो जाती है, जो अपनी रोजी-रोटी/जीवन-यापन के लिए अपने प्राप्त संसाधनों पर आश्रित होते हैं, ऐसे भूमिहीन कृषि मजदूरों, गड़रियों, किरायेदारों और शिल्पकार, जो संताप में रहते हैं और उनका मूल ठिकाना आदि भी दूर होता है, तो भी नगद क्षतिपूर्ति पाने के हकदार नहीं हो पाते।
1.3   कुछ राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों ने रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए अपनी नीतियां और दिशानिर्देश तय किए हुए हैं। तथापि, परियोजना प्रभावित परिवारों (PAFs) के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए अभी तक कोई राष्ट्रीय स्तर पर नीति नहीं बनाई गई है। इस दस्तावेज का उद्देश्य नीति के रूप में मूलभूत नियम और पैकेज इस रूप में तय करना है जो परियोजना प्रभावित परिवारों - 2003 (NPRR-2003) के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन पर राष्ट्रीय नीति के रूप में संदर्भित किया जाएगा।
1.4   Theयह  नीति आवश्यक रूप से संपत्ति विहीन गरीब ग्रामीणों,  निर्वासित किए गए गरीब वर्गों, मुख्यतः छोटे और मंझोले किसानों, अनु.जा./अ.ज.जा. और महिलाओं को सहायता प्रदान करने में आवश्यक मदद देती है। इसके अलावा, यह रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन परियोजना प्रभावित परिवारों और प्रशासन के बीच प्रभावी बातचीत का एक बड़ा दायरा तैयार करती है। ऐसी बातचीत से परियोजनाओं के उनकी लागत के संदर्भ में सही समय पर पूरा होने और निर्वासित व्यक्तियों, विशेषकर गरीब वर्गों  की जरूरतों पर पूरा ध्यान देने में मदद मिलेगी।   इसका उद्देश्य समन्वय और बातचीत के लिए बेहतर लोचशीलता लाना है ताकि प्रस्तावित पैकेज हर तरफ एक कारगर तंत्र के रूप में स्वीकार्य हो सके, जिससे सभी स्टेकहोल्डर्स/रिक्वायरिंग बॉडिज़ को संतुष्टि मिल सके।
1.5   The on the  of परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन पर राष्ट्रीय नीति व्यापक दिशानिर्देशों और सर्वसंबंधितों के लिए कार्यकारी निदेशों के रूप में होगी और मैदानी क्षेत्रों में 500 या उससे अधिक परिवारों  और पहाड़ी क्षेत्रो में 250 परिवारों को निर्वासित करने वाली, डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम ब्लॉकों, भारत के संविधान में उल्लिखित शेड्यूल V  और VI में उल्लिखित परियोजनाओं पर लागू होगी। उम्मीद की जाती है कि रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए सरकार और एडमिनिस्ट्रेटर समुचित रूप से इस नीति को इस रूप में लागू करेंगे कि इस नीति के अंतर्गत निर्धारित लाभ परियोजना प्रभावित परिवारों, विशेषकर गरीब वर्गों सहित अनु.जा./अ.ज.जा. को प्राप्त हों।   
1.6   नीति में प्रस्तावित रिहेबिलिटेशन अनुदान और अन्य मौद्रिक लाभ न्यूनतम होंगे और सभी परियोजना प्रभावित परिवारों पर लागू होंगे, चाहे वह गरीबी रेखा से नीचे के परिवार हों या नहीं। जिन राज्यों में  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन पैकेज  नीति में प्रस्तावित संख्या से अधिक हैं, वे अपने पैकेज अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं।  
अध्याय – II 
2.    नीति के उद्देश्य
2.1 नीति के उद्देश्य इस प्रकार हैं :‑ 
        क)  डिसप्लेसमेंट का न्यूनतम करने और नॉन- डिसप्लेसिंग अथवा लीस्ट-डिसप्लेसिंग विकल्पों की पहचान करना;
ख)    परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन सहित आदिवासियों और ध्यान देने योग्य वर्गों की विशेष आवश्यकताओं की योजना बनाना;
c)    परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए बेहतर  आवास व्यवस्थाएं; और
d)    परियोजना प्रभावित परिवारों और अपेक्षित निकायों के बीच आपसी सहयोग से सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने की सुविधा देना।
अध्याय -  III 
3.    परिभाषाएं
3.1   इस नीति संबंधी दस्तावेज में प्रयुक्त विभिन्न शब्दावली इस प्रकार है: 
(ए)   “रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन” के लिए एडमिनिस्ट्रेटर से अभिप्राय उस अधिकारी से है, जो राज्य सरकार द्वारा संबंधित परियोजना के लिए परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए नियुक्त जिलाधीश से कम स्तर का न हो, बशर्ते यदि परियोजना के संबंध में वह सरकार, केंद्र सरकार हो, ऐसी नियुक्ति केंद्र सरकार के परामर्श से की जाएगी।    
(बी)  परियोजना से संबंधित “प्रभावित जोन” से अभिप्राय इस नीति के पैरा 5.1 के अंतर्गत परियोजना के किसी गांव या स्थान पर सरकारी भूमि से है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के अथवा किसी अन्य लागू अधिनियम के तहत भूमि ली जा रही हो, जो परियोजना के वाटर-रिजर्वायर के रूप में भूमि में शामिल हो जाती हो; 
(सी) “कृषक परिवार” से अभिप्राय उस परिवार से है, जिसके जीवन-यापन का प्राथमिक माध्यम कृषि है, इसमें खेती-योग्य भूमि के मालिकों, कृषि श्रमिकों, वन क्षेत्रधारक और छोटी वन उपजों को एकत्र करने वालों के साथ-साथ उप-किरायेदार भी शामिल होते हैं; 
(डी) “कृषि श्रमिक” से अभिप्राय उस व्यक्ति से है, जो प्रभावित जोन घोषित होने के बाद से वहां कम से कम तीन वर्षों से रह रहा हो, उसके पास प्रभावित जोन में कोई भूमि न हो किंतु जो घोषणा से पहले वहां अपने श्रम से कृषि भूमि पर मुख्य रूप से अपना जीवन-यापन करता हो और घोषणा के बाद उसे अपना रोजगार खोना पड़ गया हो;  
(ई) “कृषि भूमि” में वह  भूमि आती है, जो निम्न के लिए उपयोग हुई हो या उपयोग की जा रही हो- 
(i)  खेती या बागवानी; 
(ii) डेयरी फार्मिग, पोल्ट्री फार्मिंग, मत्स्यपालन, डाक्टरी औषधियों की ब्रीडिंग या लाइवस्टॉक और नर्सरी;  
(iii)  फसलें, घास उगाना या बाग लगाना; और 
(iv)  कृषकों द्वार पशु चराने के लिए भूमि का उपयोग, किंतु इसमें इसमें केवल जंगल काटे जाने के ले उपयोग होने वाली भूमि शामिल नहीं होती; 
(एफ)   “समुचित सरकार”  से अभिप्राय है -  
(i)  संघ के लिए भूमि के अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार; 
(ii) किसी परियोजना के मामले में, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार के आदेश/दिशानिर्देश पर किसी केंद्रीय सरकारी एजेंसी/केंद्र सरकार उपक्रम अथवा किसी अन्य एजेंसी द्वारा शुरु की जाती है और 
(iii) अन्य उद्देश्यों के लिए भूमि का अधिग्रहण करने के मामले में, राज्य सरकार। 
(जी) ‘गरीबी रेखा से निचले परिवार’:  गरीबी रेखा से निचले परिवार उन्हें माना जाएगा जिनके लिए भारत के योजना आयोग द्वारा समय-समय पर परिभाषा निर्धारित की जाती है।
(एच) किसी परियोजना के मामले में, “रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन आयुक्त” से अभिप्राय राज्य सरकार द्वारा नियुक्त रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन आयुक्त से है, जो उस सरकार में आयुक्त/सचिव के स्तर से निचले पद पर न हो।
(आई)  “निर्वासित परिवार” से अभिप्राय किसी टेन्योर होस्डर, किरायेदार, सरकारी पट्टाधारक या उस संपत्ति के स्वामी से है, जो परियोजना के कारण, अपनी भूमि सहित आबादी में स्थित प्लाट या प्रभावित जोन में अन्य किसी संपत्ति के अधिग्रहण के कारण उक्त भूमि या संपत्ति से हटाया गया हो; 
(जे)   “परिवार” से अभिप्राय परियोजना  प्रभावित उस परिवार से है, जिसमें उक्त व्यक्ति अपनी पत्नी या पति, अवयस्क पुत्रों, अविवाहित पुत्रियों, अवयस्क भाईयों या अविवाहित बहनों, पिता, माता और उस पर आश्रित अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ रहता है।
(के)  “होल्डिंग” से अभिप्राय उस समस्त भूमि से है, जस पर कोई व्यक्ति स्वामी या किरायेदार अथवा दोनों के रूप में रहता है; 
(एल)  “मंझोले किसान” से अभिप्राय असिंचित भूमि पर कृषक के रूप में काम करने वाले उस व्यक्ति से है, जो एक हेक्टेयर तक असिंचित भूमि या आधा हेक्टेयर तक सिंचित भूमि धारक हो; 
(एम) “गैर-कृषि श्रमिक” से अभिप्राय उस व्यक्ति से है, जो एक कृषि श्रमिक नहीं है, किंतु वह प्रभावित जोन में, उस जोन के प्रभावित जोन घोषित किए जाने की तारीख से लेकर कम से कम तीन वर्ष से वहां रह रहा हो और प्रभावित जोन के भीतर जिसके पास कोई भूमि न हो, किंतु जो उस घोषणा से पहले वहां अपने जीवन-यापन के लिए मानवीय श्रम अथवा ग्रामीण दस्तकार के रूप में रह रहा हो, और जिसे प्रभावित जोन में अपने जीवन-यापन के लिए मानवीय श्रम अथवा ग्रामीण दस्तकार के रूप में काम से वंचित कर दिया गया हो; 
(एन)  “अधिसूचना” से अभिप्राय उससूचना से है, जो सरकारी गजट में प्रकाशित की जाती है; 
(ओ) “धारक” से अभिप्राय अनुसूचित जनजाति समुदाय के उन सदस्यों से है जिनके पास 25 अक्तूबर, 1980 से पहले वन भूमि थी; 
(पी)  “परियोजना” से अभिप्राय उस परियोजना से है जिसमें मैदानी क्षेत्रों से 500 से अधिक परिवारों या लोगों को और पहाड़ी क्षेत्रों, डीडीपी ब्लॉकों से 250 परिवारों या लोगों को हटाया जाता है, जैसा भारत के संविधान के शेड्यूल V और शेड्यूल VI में भूमि के अधिग्रहण के संबंध में उल्लेख किया गया है।   
(क्यू) “परियोजना प्रभावित परिवार” से अभिप्राय उस परिवार व्यक्ति से है, जिसका निवास स्थान या अन्य संपत्तियां या रोजगार का साधन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के कारण प्रभावित होता है और जो प्रभावित जोन में, उस जोन के प्रभावित जोन घोषित किए जाने की तारीख से लेकर कम से कम तीन वर्ष से नियमित रूप से रह रहा हो और वहां कोई व्यापार, कामधंधा या दस्तकारी कर रहा हो प्रभावित जोन घोषित किए जाने से पहले कम से कम तीन वर्षों से निरंतर वह काम कर रहा हो।
(आर) परियोजना के संबंध में “रिसैटलमेंट जोन” से अभिप्राय, समुचित सरकार द्वारा इस नीति के पैरा 5.12 में किसी क्षेत्र को रिसैटलमेंट जोन घोषित किए जाना या रिसैटलमेंट जोन के रूप में परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण से है ; 
(एस) “अपेक्षित निकाय” का अर्थ होगा कोई कंपनी, कोई कॉरपोरेट निकाय, एक संस्थान, या कोई अन्य संगठन, जिसके लिए समुचित सरकार द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया जाना हो और यदि भूमि का अधिग्रहण सरकार के अपने उपयोग के लिए हो या उक्त भूमि को जनता के हित में किसी कॉरपोरेट निकाय, संस्थान या किसी अन्य संगठन या किसी पट्टा या लाइसेंस प्राप्त कंपनी को दी जानी हो या उक्त कंपनी को किसी अन्य माध्यम से भूमि का हस्तांतरण होना हो तो, जैसा भी मामला हो,  इसमें समुचित सरकार भी शामिल होगी;  
(टी) “छोटे किसान” से अभिप्राय उस कृषक से है जिसके पास दो हेक्टेयर तक असिंचित भूमि हो या एक हेक्टेयर तक सिंचित भूमि हो। 
अध्याय - IV 
4.    रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए एडमिनिस्ट्रेटर और आयुक्त की नियुक्ति और उनकी शक्तियां तथा कार्य 
4.1   जहां समुचित सरकार इस बात से संतुष्ट हो कि किसी परियोजना के लिए भूमि के अधिग्रहण, जिसमें मैदानी क्षेत्रों से 500 से अधिक परिवारों या लोगों को और पहाड़ी क्षेत्रों, डीडीपी ब्लॉकों से 250 परिवारों या लोगों को हटाया जाना शामिल है, जैसा भारत के संविधान के शेड्यूल V और शेड्यूल VI में भूमि के अधिग्रहण के संबंध में उल्लेख किया गया है, तो परियोजना के संबंध में परिपत्र जारी करते हुए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जो उस परियोजना के संबंध में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर के लिए राज्य सरकार के जिला कलक्टर के रैंक से निचले स्चर का अधिकारी नहीं होगा। 
         बशर्ते परियोजना के संबंध में समुचित सरकार, केंद्र सरकार हो, तो ऐसीनियुक्ति केंद्र सरकार के परामर्श से की जाएगी।  
4.2   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए एडमिनिस्ट्रेटर की सहायता के लिए समुचित सरकार द्वारा अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। 
 
रिसैटलमेंट
एवं रिहेबिलिटेशन
    के लिए एडमिनिस्ट्रेटर
4.3   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए समुचित सरकार और आयुक्त के पर्यवेक्षण, दिशानिर्देशों और नियंत्रण के चलते, रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए एडमिनिस्ट्रेटर, उक्त परियोजना के संबंध में सभी परियोजना प्रभावित परिवारों के रिहेबिलिटेशन और रिसैटलमेंट के लिए सभी उपाय करेगा।

4.4.  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन प्लान और और उसे लागू करने के लिए संपूर्ण नियंत्रण और पर्यवेक्षण रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर का होगा।
 
एडमिनिस्ट्रेटर की शक्तियां और कार्य
4.5 समुचित सरकार के किसी सामान्य या विशेष आदेश के अनुसार रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए एडमिनिस्ट्रेटर निम्नलिखित कार्य करेगा :- 
(i) व्यक्तियों के डिसप्लेसमेंट को न्यूनतम करेगा और अपेक्षित निकाय के परामर्श से नॉन-डिसप्लेसिंग और लीस्ट-डिसप्लेसिंग विकल्पों की पहचा करेगा;
(ii) रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम/ प्लान तैयार करते समय परियोजना प्रभावित परिवारों से परामर्श लेना;
(iii) अनुसूचित जनजातियों और कमजोर वर्गों के परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए हित सुनिश्चित करना।
(iv)  जैसा इस नीति के अध्याय V में अपेक्षित है, रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन प्लान/ स्कीम का एक ड्राफ्ट तैयार करेगा;
(v)  भूमि,  भूमि अधिग्रहण के लिए अनुमानित व्यय के विभिन्न अवयवों सहित परियोजना प्रभावित परिवारों के प्रतिनिधियों, जिनके लिए भूमि अधिग्रहीत की जानी है,  के परामर्श से रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन गतिविधियां या कार्यक्रम का बजट तैयार करेगा ;
(vi)  परियोजना और परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए भी पर्याप्त  भूमि का अधिग्रहण ;
(vii)  परियोजना प्रभावित परिवारों को भूमि का आबंटन और लाभों की स्वीकृति;
(viii) समुचित सरकार द्वारा समय-समय पर लिखित रूप में सौंपे गए कार्य करेगा।
 
एडमिनिस्ट्रेटर की शक्तियों का प्रत्यायोजन
4.6   इस नीति के अंतर्गत रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए एडमिनिस्ट्रेटर खुद को मिली ऐसी प्रशासनिक शक्तियां और कार्य, लिखित रूप में, किसी अधिकारी को प्रत्यायोजित कर सकता है, किंतु वह अधिकारी तहसीलदार या समकक्ष स्तर से निचले स्तर का नहीं होना चाहिए।
4.7 इस नीति के अंतर्ग तसमुचित सरकार द्वारा नियुक्त सभी अधिकारी और कर्मचारी रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  एडमिनिस्ट्रेटर के अधीन रहकर कार्य करेंगे। .
 
रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन आयुक्त
4.8   राज्य सरकार इस नीति के अंतर्गत ऐसीकिसी परियोजना में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन कार्य के लिए उस सरकार के आयुक्त/सचिव स्तर के किसी अधिकारी को नियुक्त करेगी, जिसे रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन आयुक्त कहा जाएगा।
4.9 इस नीति में, परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के उद्देश्य से,  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर और अन्य अधिकारी तथा कर्मचारी रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  आयुक्त के अधीन रहकर कार्य करेंगे।
रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन आयुक्त के कार्य
4.10  आयुक्त रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन प्लानों/स्कीमों के पर्यवेक्षण और तैयार करने, ऐसे प्लानों/स्कीमों के क्रियान्वयन और इस नीति के अध्याय VII में उल्लिखित शिकायतों के निपटान के लिए जिम्मेदार होगा।
 
अध्याय – V
 
5.   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए स्कीम/प्लान
इस अध्याय में उल्लिखित प्रक्रिया प्रभावित जोन की घोषणा के लिए पालन में लाई जाएगी, जिसमें परियोजना प्रभावित परिवारों का सर्वे और गणना, उपलब्ध सरकारी भूमि और रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के उद्देश्य से भूमि का आकलन, रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  और इसके अंतिम रूप से प्रकाशन के लिए ड्राफ्ट स्कीम/ प्लान तैयार करना शामिल है।
 
प्रभावित जोन की घोषणा
5.1     समुचित सरकार की राय में किसी परियोजना के लिए भूमि के अधिग्रहण, जिसमें मैदानी क्षेत्रों से 500 से अधिक परिवारों या लोगों को और पहाड़ी क्षेत्रों, डीडीपी ब्लॉकों से 250 परिवारों या लोगों को हटाया जाना शामिल है, जैसा भारत के संविधान के शेड्यूल V और शेड्यूल VI में भूमि के अधिग्रहण के संबंध में उल्लेख किया गया है, तो सरकारी राजपत्र में परिपत्रित करते हुए, परियोजना के प्रभावित जोन  के रूप में गांवों और स्थानीय क्षेत्रों को इस नीति में उल्लिखित विवरणों को परियोजना पर लागू किया जाएगा।
 
परियोजना प्रभावित परिवारोंS आदि के सर्वेक्षण और गणना के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया
5.2   नीति के पैरा 5.1 के अंतर्गत की गई प्रत्येक घोषणा कम से कम दो दैनिक समाचार-पत्रों में प्रकाशित की जानी चाहिए, जिनमें से एक स्थानीय प्रेस द्वारा किया जाता हो और जिसका प्रसारगांवों और प्रभावित क्षेत्र में हो तथा साथ ही संबंधित ग्राम पंचायत के सूचना-पट्ट और प्रभावित जोन के महत्वपूर्ण स्थलों पर अधिसूचना की एक प्रति भी लगाई जाए।
5.3   एक बार नीति के पैरा 5.1 के अंतर्गत घोषणा हो जाने के बाद, रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर परियोजना द्वारा प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कार्य करेगा।  
5.4   प्रत्येक सर्वेक्षण में परियोजना प्रभावित परिवारों का निम्नलिखित ग्राम-वार विवरण शामिल होगा :-

(i) परिवार के वे सदस्य, जो परियोजना प्रभावित क्षेत्र में स्थायी रूप से रहते हैं, कोई व्यापार, कामधंधा या दस्तकारी का काम कर रहे हैं; 
(ii) परियोजना प्रभावित परिवार, जिनका मकान, खेती की भूमि, रोजगार खत्म हो जाने की संभावना है या जिनका कामधंधे या दस्तकारी का मुख्य स्रोत पूरी तरह से या आंशिक तौर पर समाप्त हो गया है। 
(iii) कृषि श्रमिक और गैर-कृषि श्रमिक। 
(iv) परियोजना प्रभावित परिवार, जिनके पास 25 अक्तूबर, 1980,  अर्थात वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 से पहले, से पहले वन भूमि थी।
5.5   पैरा 5.4 के अंतर्गत प्रत्येक सर्वेक्षण पैरा 5.1 के अंतर्गत घोषित तारीख से 90 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा। 
5.6   ऊपर उल्लिखित 90 दिन की अवधि की समाप्ति के बाद  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  एडमिनिस्ट्रेटर, अधिसूचना जारी करते हुए इस तरह से सभी प्रभावित होने वाले व्यक्तियों को सर्वेक्षण के निष्कर्षों का विवरण जारी करेगा और सभी प्रभावित व्यक्तियों से उस पर आपत्तियां और सुझाव मांगेगा।  
5.7   सर्वेक्षण के ड्राफ्ट के विवरणों के जारी होने के बाद 30 दिन की अवधि की समाप्ति और इस संबंध में प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर विचार करने के बाद,  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर सर्वेक्षण के अंतिम विवरण अपनी सिफारिशों के साथ राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। 
5.8   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  एडमिनिस्ट्रेटर से सिफारिशें प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर राज्य सरकार सरकारी गजट में सर्वेक्षण के अंतिम विवरणों को प्रकाशित करेगी।
5.9  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर सुनिश्चित करेगा कि परियोजना प्रभावित परिवारों को प्राथमिक तौर पर ग्रुप या ग्रुपों में बसाया जाए और वे स्थान, जहां तक संभव हो, वर्तमान ग्राम पंचायत का ही हिस्सा हों। तथापि, यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजना प्रभावित परिवार समानता और आपसी भाईचारे के आधार पर एक समुदाय के रूप में पुनः बसाए जाएं और प्रत्येक वर्ग अपनी पहचान और संस्कृति को बचाए रखने की इच्छा के साथ रह सके।
 
 रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए उपलब्ध भूमि का आकलन
5.10  उपर्युक्त पैरा 5.9 के अनुसार रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध भूमि की एक सूची तैयार करेंगें।
5.11     पैरा 5.10 में दर्शाई गई भूमि में शामिल होंगे :- 
(क) बेकार पड़ी सरकारी भूमि और परियोजना प्रभावित परिवार को आबंटित करने के लिए उपलब्ध अन्य कोई सरकारी भूमि। 
(ख)  यदि पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं हो, तो रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम/प्लान के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि। तथापि, रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के लिए एडमिनिस्ट्रेटर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस प्रकार के भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों की अन्य सूची सामने न आए।
 
रिसैटलमेंट जोन की घोषणा
5.12  परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए सरकार, एक अधिसूचना जारी करते हुए किसी अधिग्रहीत भूमि को रिसैटलमेंट जोन घोषित करेंगे।
 
रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए भूमि अधिग्रहण की शक्ति
5.13 रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर, सरकार की ओर से  उपर्युक्त पैरा 5.11 (ख) को ध्यान में रखते हुए भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के अंतर्गत किसी भूमि अथवा किसी व्यक्ति से खरीदी गई भूमि के लिए करार कर सकेगा।
रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन का ड्राफ्ट स्कीम/प्लान
5.14  जैसा पैरा 5.3 एवं 5.11 में दर्शाया गया है,  परियोजना प्रभावित परिवारों और  रिसैटलमेंट के लिए अपेक्षित भूमि के आकलन का बेस-लाइन सर्वे और गणना करने के बाद रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  एडमिनिस्ट्रेटर, परियोजना प्रभावित परिवारों के प्रतिनिधियों, जिसमें महिलाएं भी शामिल होंगी, परियोजना क्षेत्र के भीतर गठित पंचायती राज के प्रधानों के परामर्श से परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए ड्राफ्ट स्कीम/प्लान तैयार करेगा।  
 
 रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के प्रबंधन के लिए फंड
5.15  ड्राफ्ट स्कीम/प्लान तैयार करते समय,  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर सुनिश्चित करेगा कि रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  स्कीम/प्लान की लागत उस परियोजना की लागत की ही हिस्सा हो, जिसके लिए भूमि अधिग्रहीत की जा रही है और रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन लाभों के लिए संपूर्ण व्यय  और परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए अन्य व्यय उस निकाय द्वारा वहन किए जाएंगे जिसके लिए क्षेत्र का अधिग्रहण किया जा रहा हो।  
5.16 अपेक्षित निकाय की जिम्मेदारी होगी कि वह परियोजना प्रभावित परिवारों को रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम/प्लान के उचित क्रियान्वयन के लिए रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर को पर्याप्त निधि उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।
5.17 रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  एडमिनिस्ट्रेटर लेखा-जोखा के समुचित खाते रखेगा और निपटाई गई राशियों का रिकार्ड रखेगा तथा इस संबंध में समुचित सरकार को आवधिक रिटर्न प्रस्तुत करेगा।
 
 रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन ड्राफ्ट स्कीम/प्लान के विवरण
5.18   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन की तैयार की गई प्रत्येक ड्राफ्ट स्कीम/प्लान में निम्नलिखित विवरण होंगे :-
(ए)  परियोजना के लिए अधिग्रहीत के जाने वाला क्षेत्र और संबंधित गांवों के नाम।

(बी) परियोजना प्रभावित परिवारों की ग्राम-वार सूची और हटाए गए व्यक्तियों की परिवार-वार अनुमानित संख्या और सीमा तथा भूमि की प्रकृति और उनके अधिकार वाली अचल संपत्ति, जिस पर प्रभावित जोन में उक्त व्यक्तियों की अचल संपत्ति की सर्वे संख्या दी गई हो; 
(सी) उक्त क्षेत्र में कृषि श्रमिकों की सूची और ऐसे व्यक्तियों के नाम जिनका जिनका जीवन-यापन कृषि संबंधी गतिविधियों पर आधारित हो; 
(डी) ऐसे व्यक्तियों की सूची जो परियोजना के लिए भूमि के अधिग्रहण के परिणामस्वरूप अपना रोजगार खो चुके हो या रोजगार अथवा रोजी-रोटी खोने वाले हों या जो पूरी तरह से या पर्याप्त रूप में अपने धंधे या दस्तकारी के मुख्य संसाधन से हटाए जा चुके हों; 
(ई) कब्जाधारकों, यदि कोई हों, की सूची,  
(एफ) सार्वजनिक उपयोग के और सरकारी भवन, जो प्रभावित होने वाले हों की सूची; 
(जी)  लाभ और पैकेजों की एक विस्तृत सूची, जो परियोजना प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराई जानी हो; 
(एच) उपलब्ध भूमि , जो पुनर्वास क्षेत्र में परियोजना प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए आबंटित की जानी हो, के विवरण; 
(आई) पुनर्वास के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली मूलभूत सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी सुविधाओं का विवरण; 
(जे) रिसैटलमेंट जोन में हटाए गए परिवारों की शिफ्टिंग और पुनर्वास के लिए समय-सीमा; 
(के) हटाए गए व्यक्तियों के बारे में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  एडमिनिस्ट्रेटर, जैसा उपयुक्त समझे, ऐसे कोई अन्य विवरण।
 
रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम/प्लान का अंतिम रूप से प्रकाशन
5.19  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के संबंध में राज्य सरकार की अनुमति के लिए ड्राफ्ट स्कीम/प्लान प्रस्तुत करेगा। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी कि उसे अनुमोदित करने से पहले अपेक्षित निकाय से परामर्श कर ले।  ड्राफ्ट स्कीम/प्लान को प्रभावित जोन में व्यापक रूप से प्रासरित करने के लिए सरकारी राजपत्र में प्रकाशित कराया जा सकता है।
5.20    किसी स्कीम/प्लान के परिपत्रित हो जाने पर, वह लागू माना जाएगा।
 
 
अध्याय -  VI 
परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन लाभ
6.1   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन (रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन ) के लाभ सभी परियोजना प्रभावित परिवारों (परियोजना प्रभावित परिवारों) को दिए जाएंगे, चाहे वे गरीबी रेखा से नीचे के परिवार हों या नहीं।
6.2   कोई परियोजना प्रभावित परिवार (परियोजना प्रभावित परिवारों), जो मकान का स्वामी हो और जिसका मकान अधिग्रहीत हो चुका हो, उसे अधिग्रीत मकान के क्षेत्रफल की वास्तविक हानि के बराबर मूल्य का मकान निशुल्क आबंटित किया जाएगा, किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि का क्षेत्रफल 150 वर्ग मी. तथा शहरी क्षेत्रों में 75 वर्ग मी. से अधिक नहीं होगा। 
6.3   गरीबी रेखा से नीचे श्रेणी के प्रत्येक  परियोजना प्रभावित परिवार को मकान के निर्माण के लिए एकमुश्त वित्तीय सहायता के रूप में 25000/- रु. दिए जाएंगे। गरीबी रेखा से नीचे नहीं आने वाले परिवार इस सहायता के हकदार नहीं होंगे।
6.4     प्रभावित जोन में कृषि भूमि के स्वामी प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार, जिसकी समस्त भूमि अधिग्रहीत हो गई हो,  को वास्तविक भूमि की हानि के बराबर कृषि भूमि या बेकार पड़ी उपजाऊ भूमि आबंटित की जाएगी, बशर्ते सिंचित भूमि के रूप में अधिकतम एक हेक्टेयर भूमि और असिंचित/उपजाऊ बेकार पड़ी भूमि के रूप में दो हेक्टेयर भूमि आबंटित की जाएगी बशर्ते जिलों में सरकारी भूमि उपलब्ध हो।  
6.5   पंजीकरण के लिए स्टैंप ड्यूटी और अन्य देय शुल्क अपेक्षित निकाय द्वारा वहन करिए जाएंगे। 
6.6  पैरा 6.4 के अंतर्गत आबंटित भूमि समस्त बाधाओं से मुक्त होगी। आबंटित भूमि परियोजना प्रभावित परिवारों में पत्नी और पति दोनों के संयुक्त नाम में होगी।
6.7    अधिग्रहीत भूमि के बदले बेकार पड़ी भूमि/डी-ग्रेडिड भूमि के आबंटन के मामले में प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को भूमि के विकास के लिए 10000/- रु. प्रति हेक्टेयर के अनुसार वित्तीय सहायता दी जाएगी। कृषि भूमि के आबंटन के मामले में प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को कृषि उत्पादन के लिए 5000/- रु. की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी।
6.8   मवेशी रखने वाले प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को कैटल-शेड के निर्माण के लिए 3000/- रु. की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
6.9   प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को प्रभावित जोन से रिसैटलमेंट जोन में भवन-निर्माण सामग्री, संबंधित सामान और मवेशी आदि की शिफ्टिंग में लगने वाली परिवहन लागत के रूप में  5000/- रु. की  वित्तीय सहायता दी जाएगी। 
6.10 प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार, जिसमें ग्रामीण-दस्तकार/छोटे व्यापारी और स्व रोजगार चलाने वाले व्यक्ति हों, उन्हें वर्किंग शेड/दुकान के निर्माण के लिए 10,000/- रु. की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी।  
6.11   प्रभावित जोन में कृषि भूमि के स्वामी प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार, जिसकी भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी हो, को “रोजगार की हानि” के लिए 750 दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी दी जाएगी, जबकि परियोजना प्रभावित परिवारों को न तो कृषि भूमि पर और न इसके किसी सदस्य को कोई नियमित रोजगार नहीं दिलाया गया हो।
6.12   प्रभावित जोन में कृषि भूमि के स्वामी प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार, जिसकी भूमि अधिग्रहीत नहीं की गई हो और फलस्वरूप वह मार्जिनल किसान बन गया हो, तो उस परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में 500 दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी दी जाएगी। 
6.13  प्रभावित जोन में कृषि भूमि के स्वामी प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार, जो  मार्जिनल किसान बन गया हो, तो उस परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में 500 दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी दी जाएगी। 
6.14    ‘कृषि श्रमिक’  कोटि से संबंधित प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार, अथवा  ‘गैर-कृषि श्रमिक’ को वित्तीय सहायता के रूप में 625 दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी दी जाएगी। 
6.15   परियोजना प्रभावित परिवारों में से प्रत्येक निर्वासित परिवार को मासिक गुजारा-भत्ते के रूप में प्रतिमाह 20 दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी के हिसाब से एक वर्ष में 250 MAW दिनों तक दिया जाएगा। 
6.16   भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1984 की धारा 17 अथवा अन्य लागू अधिनियम के समान प्रावधानों के अंतर्गत यदि आपात स्थिति में भूमि अधिग्रहण किया जाता है, तो प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम के चलते ट्रांजिट आवास उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे परिवारों को नीति के अंतर्गत उपर्युक्त पैरा में उल्लिखित रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के लाभ भी देय होंगे।
6.17     भूमि के लंबे पट्टों का अधिग्रहण : रेलवे लाइनों, राजमार्गों, ट्रांसमिशन लाइनों और पाइपलाइन बिछाने के लिए जब कई किलोमीटर में फैला भूमि का एक संकरा क्षेत्र अधिग्रहीत किया जा रहा हो, तो ऐसे मामले में परियोजना प्रभावित परिवारों को अनुग्रह राशि के रूप में प्रति परिवार 10,000/- रु. दिए जाएंगे और उन्हें रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लाभ नहीं दिए जाएंगे।
6.18  परियोजना प्रभावित परिवारों को रिसैटलमेंट जोन में स्व-रोजगार के विकास के लिए रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के लाभ के अंश के रूप में आवश्यक प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।   
6.19   जिन परियोजना प्रभावित परिवारों के पास 25 अक्तूबर, 1980 से पहले वन भूमि थी, उन्हें इस नीति के अंतर्गत रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के सभी लाभ दिए जाएंगे।
6.20  प्रभावित जोन में आरक्षण के लाभ उठाने वाले अनुसूचित जाति कोटि के परियोजना प्रभावित परिवार रिसैटलमेंट जोन में आरक्षण के लाभ पाने के हकदार होंगे।
6.21  परियोजना प्रभावित  अनुसूचित जनजातियों के परिवारों के लिए रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लाभ. 
6.21.1 अनुसूचित जनजाति कोटि के प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को भूमि के आबंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।  
6.21.2  प्रत्येक आदिवासी परियोजना प्रभावित परिवार  नीति के अंतर्गत उपर्युक्त पैरा में उल्लिखित रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के लाभ पाने के हकदार होंगे।  
6.21.3 प्रत्येक आदिवासी परियोजना प्रभावित परिवार वन उत्पादों के पारंपरिक अधिकार/ उपयोग से वंचित होने के लिए न्यूनतम 500 दिन की कृषि मजदूरी के बराबर वित्तीय सहायता पाने के हकदार होंगे।   
6.21.4 परियोजना प्रभावित आदिवासी परिवारों  को उनके प्राकृतिक आवासों के समीप इस तरह आसपास बसाया जाएगा कि वे अपनी ऐतिहासिक, भाषिक और सांस्कृतिक पहचान बनाए रख सकें।  
6.21.5 परियोजना प्रभावित आदिवासी परिवारों को सामुदायिक और धार्मिक समारोहों के लिए निशुलक् भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
6.21.6   जिला/ताल्लुका से बाहर बसाए गए परियोजना प्रभावित आदिवासी परिवारों को मुद्रा के संदर्भ में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के 25% अधिक लाभ दिए जाएंगे।
6.21.7   इस विषय पर जो परिवार आदिवासी भूमि के अधिग्रहण को लेकर नियमों और विनियमों का उल्लंघन करेंगे उन्हें रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन  के कोई लाभ नहीं दिए जाएंगे, ये लाभ केवल मूल रूप से  आदिवासी भूमि मालिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
6.21.8   परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी परिवार, जिन्हें नदी/तालाब/बांध में मछली पकड़ने के अधिकार प्राप्त हैं, उन्हें रिजर्वायर क्षेत्र में मछली पकड़ने के अधिकार दिए जाएंगे।
6.21.9   प्रभावित जोन में आरक्षण के लाभ ले रहे परियोजना प्रभावित आदिवासी परिवार रिसैटलमेंट जोन में आरक्षण के लाभ पाने के पात्र होंगे।
6.22   रिसैटलमेंट जोन में उपलब्ध कराई जाने वाली मूल सुविधाएं:  
6.22.1 प्रभावित जोन की आबादी को रिसैटलमेंट जोन में शिफ्ट करते समय,  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर , जहां तक संभव हो, सुनिश्चित करें कि : 
क) यदि गांव/क्षेत्र की शिफ्ट की जाने वाली समस्त आबादी एक समुदाय विशेष से संबद्ध हो, तो उक्त आबादी/परिवारों को एक संबद्ध क्षेत्र में इस प्रकार बसाया जाएकि उन परिवारों के सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध (सामाजिक सद्भाव) खराब न हों।  
ख) अनुसूचित जातियों परियोजना प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के मामले में, यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें गांवो के आसपास ही बसाया जाए।
6.22.2      परियोजना प्रभावित परिवारों को रिसैटलमेंट साइट पर समुचित सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मूलभूत सुविधाएं और ढांचागच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह वांछनीय है कि रिसैटलमेंट साइट पर पेयजल, बिजली, स्कूलों, औषधालयों और अन्य रिसैटलमेंट साइटों से पहुंच मार्गों की व्यवस्था के कार्य रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा तय किए रिसैटलमेंट प्लान में शामिल किए जाएंगे।
 
 
अध्याय -  VII 
7. विवाद निपटान तंत्र
7.1 परियोजना स्तर पर रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन समिति
 
विवाद निपटान तंत्र
 
7.1.1 इस  नीति के अंतर्गत प्रत्येक परियोजना के संबंध में, राज्य सरकार परियोजना के एडमिनिस्ट्रेटर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेगी, जिसे रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन समिति कहा जाएगा, जिसका कार्य परियोजना प्रभावित परिवारों के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन की स्कीम/ प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा और प्रगति पर नज़र रखना होगा।  
7.1.2   उपर्युक्त गठित रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन समिति में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नानुसार एक-एक सदस्य भी शामिल होंगे:-
(i)   प्रभावित जोन में रहने वाली महिलाओं की एक प्रतिनिधि;
(ii)   प्रभावित जोन में रहने वाली अनुसूचित जातियों और  अनुसूचित जनजातियों में से प्रत्येक का एक-एक प्रतिनिधि;
(iii) स्वैच्छिक संगठन का एक प्रतिनिधि ;
(iv)  लीड-बैंक का एक प्रतिनिधि;
(v)   प्रभावित जोन में स्थित अध्यक्ष या उसका नामित पीआरआई।
(vi)  प्रभावित जोन में शामिल क्षेत्र का सांसद/एमएलए।
7.2.3  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन समिति के कार्यों के संबंध में प्रक्रिया, इसकी बैठकें  और उससे संबंधित अन्य मामले समुचित सरकार द्वारा निर्धारित के जाएंगे।
7.2.   शिकायत निवारण सैल:
 
शिकायत निवारण सैल
7.2.1   प्रत्येक परियोजना, जिस पर यह नीति लागू होती है, के संबंध में राज्य सरकार एक शिकायत निवारण सैल स्थापित करेगी, जिसका अध्यक्ष रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन आयुक्त होता है, जो परियोजना प्रभावित परिवारों की शिकायतों ता निपटारा करता है।   
7.2.2   शिकायत निवारण सैल का गठन, शक्तियां, कार्य और अन्य संबंधित मामले समुचित सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।   
7.2.3   कोई परियोजना प्रभावित परिवार, यदि परेशान है,  क्योंकि उसे इस नीति के अंतर्गत देय रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन लाभ नहीं मिल पा रहे हैं, तो वह शिकायत निवारण सैल को अपनी शिकायत के निपटान के लिए याचिका दे सकता है।   
7.2.4    शिकायत निवारण सैल को शिकायत किस रूप में और किस तरीके से किस समयावधि में देनी होगी और उसका निपटारा कैसे किया जाएगा, इसका निर्धारण समुचित सरकार द्वारा किया जाएगा। 
7.2.5   शिकायत निवारण सैल को यह शक्ति प्राप्त होगी कि वह और परियोजना स्तर पर रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन संबंधी सभी शिकायतों के निपटारे के संबंध में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन समिति के एडमिनिस्ट्रेटर  के निर्णय के विरुद्ध सभी शिकायतों पर विचार और निपटारा कर सकेगी और रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए एडमिनिस्ट्रेटर को  रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के मुद्दों पर ऐसे निर्देश दे सकेगी, जो ऐसी शिकायतों के निपटारे के लिए उपयुक्त माने जाते हों।
7.3       अंतर-राज्यीय परियोजनाएं: 
 
अंतर-राज्यीय परियोजनाएं
7.3.1   ऐसे मामले में जहां परियोजना एक  राज्य  अथवा राज्यों अथवा किसी संघ शासित क्षेत्र, जहां परियोजना प्रभावित परिवार रह रहे हों या रहते थे, या जिन्हें पुनः बसाए जाना प्रस्तावित है, को कवर सकती है, तो केंद्र सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय (भू-संसाधन विभाग) के रूप में संबंधित राज्यों या संघ शासित क्षेत्रों, जैसा भी मामला हो, के परामर्श से रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन के लिए इस नीति को लागू करने के लिए रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन एडमिनिस्ट्रेटर और आयुक्त की नियुक्ति करेगी।  
7.3.2   रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन प्लानों/ स्कीमों के क्रियान्वयन का तरीके पर राज्य सरकारों और  संघ शासित प्रशासन द्वारा आपस में वार्ता की जाएगी और राज्य अथवा संघ शासित प्रशासन में कॉमन प्लान/ स्कीम एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा, जैसी सहमति हो, इस नीति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार परिपत्रित की जाएगी।   
7.3.3     स्कीमों/प्लानों के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई आती हो, तो ग्रामीण विकास मंत्रालय (भू-संसाधन विभाग) में केंद्र सरकार के निर्णय के लिए भेजा जाएगा और  केंद्र सरकार का निर्णय राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए बाध्यकारी होगा।
 
 
अध्याय  - VIII 
मॉनिटरिंग तंत्र
8.   नेशनल मॉनिटरिंग कमेटी
 
 राष्ट्रीय
मॉनिटरिंग
समिति
8.1 केंद्र सरकार,  ग्रामीण विकास मंत्रालय, भू-संसाधन विभाग मिलकर एक नेशनल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करेंगे, जिसके अध्यक्ष सचिव, भू-संसाधन विभाग होंगे, जो उन सभी परियोजनाओं, जिन पर यह नीति लागू होती है, के संबंध में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम/योजना के क्रियान्वयन और प्रगति की समीक्षा और मॉनिटरिंग करेंगे।  समिति में निम्नलिखित सदस्य या उनके नामित सदस्य होंगे, जो संयुक्त सचिव के स्तर से नीचे नहीं होंगे : 
सचिव, योजना आयोग
सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
सचिव, जल संसाधन मंत्रालय
सचिव, आदिवासी कार्य मंत्रालय
सचिव, रेल मंत्रालय
सचिव, ऊर्जा मंत्रालय
सचिव, कोयला मंत्रालय
इसके अलावा,  जिस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहीत की जानी है, उस प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के सचिव को एक सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। इस समिति के कार्य और कर्तव्य इस मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।
8.2      नेशनल मॉनिटरिंग कमेटी,  नेशनल मॉनिटरिंग सैल द्वारा सेवित होगी, जिसका गठन भू-संसाधन विभाग द्वारा उन सभी परियोजनाओं, जिन पर यह नीति लागू होती है, के संबंध में रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन स्कीम/योजना के क्रियान्वयन और प्रगति की समीक्षा और मॉनिटरिंग के लिए किया जाएगा।  
पात्रता
पात्रता
8.4  परियोजना प्रभावित परिवारों (NPRR – 2003) के रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन पर राष्ट्रीय नीति इसके भारत के गजट (अतिविशेष) में प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होगी।
 
 
अनुलग्नक – I
 
नेशनल मॉनिटरिंग सैल का गठन
(पैरा 8.3 देखें) 
 
क्र.सं.
पदनाम
पदों की संख्या
 
1.
संयुक्त सचिव, रिसैटलमेंट और रिहेबिलिटेशन
1
 
 
 2.
 क्षेत्रीय निदेशक/विषय के विशेषज्ञ/परामर्शदाता
 4
 
 
3.
 
उप निदेशक
 
4
 
 
4.
 
सांख्यिकीय अधिकारी
 
1
 
 
5.
 
अनुभाग अधिकारी/डेस्क अधिकारी
 
1
 
 
6.
 
सहायक
 
2
 
 
7.
 
सांख्यिकीय सहायक
 
2
 
 
8.
 
लिपिक-सह-टाइपिस्ट
 
4
 
 
9.
 
आशुलिपिक
 
9
 
 
10.
 
चपरासी
 
4
 
 
11.
 
सफाई कर्मचारी
 
2
 
 
12.
 
ड्राइवर
 
2
 
     
 
Land and Amenities Directorate
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Source : रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) CMS Team Last Reviewed on: 18-02-2011  

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