भारतीय रेल के महाप्रबंधकों की शक्तियाँ उपरोक्त विषय पर विद्यमान आदेशों के अधिक्रमण में राष्ट्रपति ने विशिष्ट क्षेत्रों के निम्नलिखित नियमों के लिए निर्णय लिया है कि महाप्रबंधक उच्च प्राधिकारी के पूर्वानुमोदन के बिना व्यय या अन्य मुद्दों को स्वीकृत नहीं कर सकते हैं।
ये नियम क्षेत्रीय रेलों तथा उत्पादन इकाईयों के महाप्रबंधकों तथा महानिदेशक, अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन तथा महाप्रबंधक (निर्माण) तथा इनसे जुड़े व्यक्तियों पर लागू हैं। इन नियमों के अनुपालन के संबंध में महाप्रबंधक को व्यय स्वीकृत करने तथा अधीनस्ध प्राधिकारी को अपनी शक्तियाँ सौंपने तथा शक्तियों को निम्नतम प्राधिकारी को पुनः सौंपने की शक्तियाँ होंगी। महाप्रबंधक द्वारा अपनी शक्तियों को अपने से अधीनस्ध प्राधिकारी को सोंपने या पुनः सौंपने का कार्य रेलवे के केवल वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी से परामर्श तथा विद्यमान कोडल प्रावधान के अनुरुप तथा साथ ही साथ समय-समय पर रेलवे बोर्ड द्वारा जारी अन्य विनियम अनुदेशों की शर्तों पर होगा। यदि महाप्रबंधक एवं वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी के मत में अंतर हैं तो मामले को आदेश हेतु रेलवे बोर्ड जाए।
सौंपी गई शक्ति का प्रयोग, व्यय या अन्य प्रकार से अर्धव्यवस्था के संबंध में रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर लागू प्रतिबंध के साथ-साथ वर्तमान कोड प्रावधान, नियम एवं विनियम के अधीन हैं।
नियम
उच्च प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है।
(क-राजपति कर्मचारी)
1. स्थायी पद का सृजन एवं समापन तथा सर्विस या पद के वेतमान में परिवर्तन।
2. रेलवे बोर्ड द्वारा स्वीकृत कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड तक के पद को 12 माह से ज्यादा अवधि के लिए रिक्त रखना बशर्ते यदि पद छह माह से ज्यादा अवधि के लिए रिक्त या तो इस पद को ओपरेट करने से पूर्व वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी की सहमति के साथ इसका दोबारा औचित्य प्रमाणित करना होगा।
3. अस्थायी पद का सृजन बशर्ते वित सलाहाकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी की सहमति से क्रमशः आपात स्थिति में छह माह या बारह माह से ज्यादा की अवधि के लिए न हो वरिष्ठ वेतमान, क्लास 2 सेवा उच्च स्वीकृति के बिना पद सृजित किया जा सकता है।
4.(क) कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड से ऊपर वर्क चार्ज पदों का सृजन।
नोटः महाप्रबंधक या रोलवे बोर्ड द्वारा निर्माण सर्वे प्रक्कलन में या आवश्यकतानुसार कनिष्ठ वेतमान या विशेष रूप से संवर्ग 2 में अस्थायी पद पदों को वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी की पूर्व सहमति से सृजित विस्तृत किया जा सकता है।
(ख) ऐसे पदों को पदधारियों करे 3 माह से ज्यादा अंनतिम भुगतान का अनुदान जिसका उपलब्ध उपलब्ध स्वीकृति से आगे विस्तारित करने का प्रस्ताव है।
5. (क) रेलवे नियमों या भारत सरकार के अन्य आदेशों के अंतर्गत स्वीकार्य भत्तों से ज्यादा (चाहे वे वेतन, मानदेय या किसी भी प्रकार के भत्ते के रूप में रेलवे अधिकारी को देना।
(ख) प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में रेलवे अधिकारी को निजी स्रोतों से कार्य ग्रहण करने और/या 5000/- रु. से अधिक फीस प्राप्त करने (गैर-आवर्ती या आवर्ती) की अनुमति देना।
(ग) मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित चिकित्सा अधिकारियों को प्रोफेशनल अटेंडेंस के लिए फीस प्राप्त करने, यदि उच्चाधिकारी के आदेशानुसार प्राइवेट प्रेक्टिस करना मना है, की अनुमति देना।
(घ) कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड से उच्च स्तर के अधिकारी को क्षेत्रूय रेलवे तथा उत्पादन इकाई के लिए प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में 3000/- रु. से अधिक तथा आर.डी.एस.ओ. के लिए प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में 5000/- रु.से अधिक के पुरस्कार की स्वीकृति।
(प्राधिकार बोर्ड का पत्र सं. एफ (X) II97/पी.डब्ल्यू/4, दि. 5.5.98 (शुद्धि पत्र)
(ड.) विवाद में मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए एक वर्ष में 2000/- रु. से अधिक का मानदेय राजपत्रित अधिकारी द्वारा स्वीकृत करना, जिसमें रेल प्रशासन पार्टी है और सतर्कता/सी.बी.आई. से आए रेल अधिकारियों के विरुद्ध होने वाली अनुशासनिक जांच के लिए मानदेय की स्वीकृति के मामसे को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के मामलों में वर्ष में 1000/- रु, से अधिक की स्वीकृति, जहां वर्ष में सीमा 6750/- रु. होगी।
(प्राधिकार बोर्ड का पत्र सं. एफ (X) II94/पी.डब्ल्यू/3, दि. 28.11.96)
नोट : (i) जब कोई अधिकारी अपने पद के अलावा किसी अन्य पद का चार्ज लेता है तो महाप्रबंधक वरिष्ट प्रशासनिक ग्रेड तक के अधिकारी को उसके वेतन के अलावा अतिरिक्त पद के प्रकल्पित वेतन का 10% विशेष वेतन के रुप में दे सकता है बशर्ते अतिरिक्त चार्ज 45 दिनों से अधिक अवधि के लिए हो परन्तु कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड सहित उक्त ग्रेड तक के अधिकारियों के मामले में छह माह से अधिक न हो और वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड में कार्यरत अधिकारियों के मामले में 3 माह से अधिक नहीं।
(ii) कुल वेतन तथा अतिरिक्त वेतन 26,000/- रु. प्रति माह से अधिक नहीं होना चाहिए।
(iii) किसी भी परिस्थिति में कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के मामले में दोहरा प्रभार व्यवस्था छह माह तथा वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारी के मामले में तीन माह से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता हैं।
(प्राधिकार, बोर्ड का पत्र स. एक (X) II-94/पी डब्ल्यू/9, दिनांक.29/12/94 तथा एक (ई) विशेष 98/एफआर/1/1, दिनांक.28/1/2000)
6. बट्टे खाते में डालना
(क) अग्रिम
(ख) अधिकारियों द्वारा निकाली गई ज्यादा राशि, या अन्यथा उनके द्वारा देय, जिनका की एक वर्ष के अंतर्गत लेखापरीक्षा के दौरान पता लगे।
7. अधिकारी के रहने लिए बिल्डिंग का निर्माण या खरीद या शर्तों के अंतर्गत अधिकारी द्वारा आवसीय प्रयोग हेतु बिल्डिंग को किराए पर लेना जोकि किराए की सीमा, पट्टे की न्यूनतम अवधि तथा अन्य शर्तों के संबंध में वर्तमान अनुदेशों के फ्रेमवर्क के बाहर हो।
8. प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारी के त्यागपत्र को स्वीकार करना।
नोट :- वरिष्ठ वेतमान स्तर तक के अधिकारियों का त्यागपत्र स्वीकार करते समय महाप्रबंधक को शक्ति है कि वे आईएएस/आईएफएस/आईपीएस के लिए चयनित परीविक्षाधीन अधिकारीयों के संबंध में निर्धारित सूचना अवधि को समाप्त करना।
(ख- गैर-राजपत्रित कर्मचारी)
9. नियम 2003(23) (क)- आर II के अनुरुप विशेष वेतन या वेतन के अलावा अन्य या व्यक्तिक वेतन का भुगतान तथा रेलवे मूल या पूरक नियमावली या भारत सरकार के अन्य किसी आदेशों के अंतर्गत ऐसे भत्ते जो लागू नहीं हैं।
10.(क) प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में 10,000/-रू से अधिक के मानदेय का भुगतान करना।
नोटः- जहां मानदेय आवर्ती हैं वहां वित्तीय वर्ष में कुल देय राशि की सीमा 10,000/-रू होगी। (प्रधिकारः बोर्ड का पत्र सं. एफ(X)II/94/पी डब्लयू/3, दिनांक26/3/96)
(ख) प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में 5000/-रू से अधिक की राशि में पुरस्कार का भुगतान।
(ग- सामान्यः राजपत्रित एवं अराजपत्रित कर्मचारी)
11. सामान्य नियमों एवं आदेशों के अंतर्गत प्राधिकृत आग्रिम तथा अन्य का भुगतान।
12. नियमों के अंतर्गत लागू छुट्टी प्रदान करना।
13. भारत से बाहर रेलवे कर्मचारी की प्रर्तिनियुक्ति।
नोटः यद्यपि, महानिदेशक/आर डी एस ओ उक्त विषय पर बोर्ड के वर्तमान आदेशों द्वारा निदेशित होंगे।
14. अविष्कार के लिए बोनस या पुरस्कार के अनुग्रही अदायगी, जिसके लिए अविष्कारक को पेटेंट की अनुमित नहीं है या उसे निदेशित किया गया हो कि वो अपने पेटेंट राइट सरकार को सौंपे।
नोटः यद्यपि ऐसे आविष्कारों के लिए 5000/-रू. तक के बोनस या पुरस्कारों की अनुग्रही अदायगी महानिदेशक/ आर डी एस ओ कर सकते हैं।
(प्रधिकारः बोर्ड का पत्र स. एफ (X)II/93/पी डब्लयू/2, दिनांक 8/7/93)
15. आपराधिक मामलों में अपराधी की खोज तथा /या गिरफ्तारी के लिए प्रत्येक मामले में 5000/-रू से अधिक के पुरस्कार का भुगतान।
16. ऐसे रेल कर्मचारी के कानूनी व्यय की प्रतिपूर्ति करना –
(क) जो रेल प्रशासन की पूर्व अनुमोदन के बिना न्यायालय में मुकदमा प्रारंभ करता है, या
(ख) किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा उसकी ड्यूटी के निष्पादन में हुए कृत या राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार के विशेष आदेश के अंतर्गत या विशेष स्वीकृति या रेलवे प्रशासन के अनुरोध पर उसके विरूद्ध प्रारंभ की गई कानूनी कार्यवाही के बचाव में किए गए व्यय के लिए।
17. ऐसे मोटर वाहन जिनका प्रावधान उच्च प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन में किया गया था को छोड़कर केवल रेलवे सेवक के प्रयोग हेतु खरीदी या किराए पर ली गई मोटर कार, मोटर साईकिल या मोटर बोट।
नोटः(1) मोटर वाहन की खरीद या किराए पर लेने की स्वीकृति से पूर्व यह प्रमाणित किया जाए कि मांग को जारी या समाप्त कार्य से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
(2) महाप्रबंधक विशेष अवसरों के लिए मोटर वाहन किराए पर ले सकते हैं।
(3) वाहन के प्रापण के लिए रेलवे बोर्ड या पूर्वानुमोदन अपेक्षित है चाहे स्वीकृत प्राक्कलन में विद्यमान वाहनों के लिए प्रावधान हो।
(प्राधिकारः बोर्ड का पत्र सं. एफ(X) II-2000/EXP/2(वाहन), दि. 6/7/2000)
18. गाड़ियों की वर्किंग या रेलवे इंजनों द्वार दुर्घटना में मृत रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों या घायल रेल कर्मचारी को रेलवे दावा अधिकरण द्वारा दिए गए मुआवजे के अलावा रेल दुर्घटना के मामलों में मुआवजे की भुगतान बर्शते उसकी मृत्यु या चोट ड्यूटी निर्वाह के दौरान हुई हो, इससे भिन्न यदि उसकी स्वयं की लापरवाही या इच्छा से ऐसा होता है तो रेल कर्मचारी को अधिकतम 24 माह से अधिक भत्ते का भुगतान किया जाएगा।
नोटः(1) जिस व्यक्ति पर कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम लागू होता है तो केवल इसी नियम के अंतर्गत मुआवजा दिया जाएगा और यदि सक्षम प्राधिकारी चाहता है कि मुआवजा स्वीकृति में कुछ लचीलापन दिखा है तो अधिनियम के अनुसार ऐसा किया जाएगा। इस प्रकार से दिया गया मुआवजा अधिनियम के अंतर्गत देय मुआवजा में सम्मिलित नहीं है, ज्यादा राशि इस नियम के अंतर्गत स्वीकार्य राशि है।
(2) परिलब्धियों का अर्थ है परिलब्धियों का मासिक औसत जैसा कि पैराग्राफ 2544-आर/II (सी एस आर 486) में परिभाषित है और रनिंग स्टाफ के मामले में परिलब्धि में रनिंग भत्ते एलीमेंट का वेतन सम्मिलित है जैसे- गत 12 माह के दौरान आहरण किए गए औसत मूल वेतन का 30% या सम्पूर्ण सेवा काल के दौरानष यदि यह 12 माह से कम है तो।
19. हड़ताल के दौरान या रेलवे डयूटी के निष्पादन के रेल दुर्घटना में तथा उस ड्यूटी से सीधी तौर पर जुड़ी परिस्थितियों से यदि कर्मचारी को किसी व्यक्तिगत मामले में क्षति होती तो 5000/-रू से अधिक के मुआवजे को छोड़कर निजी सम्पत्ति की हानि के लिए रेलवे कर्मचारी को मुआवजा प्रदान करना।
20. रेलवे कर्मचारी द्वारा अपनी डयूटी का निष्पादन करने के दौरान हुई मृत्यु की स्थिति में कर्मचारी के आश्रित को 3000/-रू से अधिक के अनुग्रही अदायगी की स्वीकृति।
21. सामान्य नियमों या आदेशों के तहत चिकित्सा प्रभार या प्राधिकृत को भुगतान।
22. कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड से नीचे स्तर के रेलवे कर्मचारी को ड्यूटी पर हवाई यात्रा करने की अनुमति।
नोटः महाप्रबंधक द्वारा कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारी को ड्यूटी पर हवाई यात्रा करने की अनुमति निम्न शर्तों पर आधारित होगीः
-
इन शक्तियों का प्रयोग केवल महाप्रबंधक द्वारा किया जाएगा न कि मुख्य लेखा अधिकारी द्वारा तथा इन्हें किसी अन्य को पुनः सौंपा नहीं जा सकता है। तथापि मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, कॉफमाऊ/ नई दिल्ली, डी.सी.डब्ल्यू/ पटियाला तथा एम टी पी/ चैन्नई भी वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी की व्यक्तिगत सहमति के साथ इन शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।
(प्राधिकारः बोर्ड का पत्र सं. एफ(X)II-2003/ पी डबल्यू/6, दि. 4/4/2003)
2. वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी की व्यक्तिगत सहमति से महाप्रबंधक द्वारा व्यक्तिगत रूप से इन शक्तियों का प्रयोग किया जाएगा।
3. केवल ऐसे मामले में ही हवाई यात्रा की अनुमति दी जाएगी जहां एक तरफा रेल यात्रा की अवधि 12 घंटे से अधिक है।
4. हवाई यात्रा से संबंधित प्रत्येक प्रस्ताव को मैरिट के आधार पर न्यायसंगत बनाने की आवश्यकता है।
23. पदधारी से किराए की वसूली की माफी, जहां क्वाटर्र आबंटित किया गया हो।
नोटः महाप्रबंधक पद के लिए आबंटित क्वार्टर को पदधारी से अधिकृत करने और या निम्न परिस्थियों में चार माह की अधिकतम अवधि तक किराया भुगतान करने की छूट दे सकता हैः
(i) जब कर्मचारी को अस्थायी रूप से किसी अन्य स्टेशन पर तैनात किया गया हो।
(ii) जब क्वाटर्र में व्यापक मरम्मत चल रही हो जैसे- छत का नवीकरण, फर्श को बदलना या अन्य विशेष आवश्यक कार्य जहां पूरा क्वार्टर खाली करना आवश्यक हो।
(iii) जब कर्मचारी को संक्रामक रोग या महामारी के कारण चिकित्सा सलाह के अंर्तगत क्वाटर्र खाली करना आवश्यक हो।
24. रेलवे कर्मचारी के प्रशिक्षण लागत को छोड़ देना, जिसने रेलवे की लागत पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है और जिसके लिए सर्विस के बदले समानुपातिक लागत से अधिक, न्यूनतम निर्धारित अवधि के लिए रेलवे में काम करना अपेक्षित है।
25. आर डी एस ओ सहित क्षेत्रीय रेलों पर एक वर्ष में 10 लाख रु. से अधिक तथा उत्पादन इकाई के लिए एक वर्ष में 4 लाख रु. के गैर-रेलवे संस्थाओं में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों, सेमीनार तथा सिमपेसिया के लिए रेलवे कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति पर व्यय की स्वीकृति।
नोटः यद्यपि सम्पूर्ण पंजीकरण फीस अधिकतम 15,000/-रु. तथा प्रतिदिन की यधानुपात पंजीकरण फीस 2,500/-रु. होनी चाहिए। इस आर्थिक सीमा के लिए टी ए एवं डी ए को सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
(प्रधिकरणः बोर्ड का पत्र सं. एफ(X)II/94/पी डबल्यू/3, दि. 2/8/95 तथा साथ में पत्र सं. एफ(X)II/94/पी डबल्यू/3, दि. 5/6/97 तथा एफ(X)II -2002/ पी डबल्यू/7, दि. 9/5/03 पढ़ा जाए)
(घ) रेलवे कर्मचारी के अलावा अन्य व्यक्तियों को भुगतान।
26. किराये एवं मालभाड़े के रिफंड या प्रत्येक मामले में 20,000/-रु. से अधिक के लिए संबंधित टैरिफ नियमों के अनुसार रिफंड।
27. रेलवे को देय राशि को बट्टे खाते डालना या जहां यह 10,000/- रु. से अधिक के लिए अप्रतिप्राप्य हो।
नोट: मद सं (26) एवं (27) स्थान शुल्क, विलंब शुल्क, भंडारण तथा गुम संपत्ति प्रभार पर लागू नहीं है जो उच्च प्राधिकारी की स्वीकृति के बिना रेल प्रशासन द्वारा बट्टे खाते डाला या रिफंड किया जा सकता है।
28. प्रत्येक मामले में 5000/- रु. से अधिक के पुरस्कार प्रदान करना।
29. (क) 5000/- रु. से अधिक के प्रत्येक औपचारिक समारोह पर व्यय का भार।
(ख) ऐसे महत्वपूर्ण समारोह पर व्यय का भार, जिसमें राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री/रेल मंत्री भाग लेते हैं, प्रत्येक मामले में 40,000/- रु. से अधिक के लिए।
नोट: मद सं (29) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग महाप्रंबधक द्वारा उत्पादन इकाई के लिए 2 लाख रु. तथा क्षेत्रीय रेलों के लिए 6 लाख रु. तक की वार्षिक सीलिंग होगी।
2. मद सं 29 (क) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियां रेल सप्ताह समारोह के व्यय को भी कवर करेगी और समग्र रूप से क्षेत्रीय रेलवे/उत्पादन इकाई के लिए 5000/- रु. की सीमा होगी।
(प्राधिकार: बोर्ड का 19.2.97 का पत्र सं. एफ (X) II/94/पीडब्ल्यू/3, भाग-IX तथा 11.9.2000 का पत्र सं. ई(डब्ल्यू)/2000/सीएल-1/1)।
30. (क) प्रत्येक मामले में 15 लाख रु. से अधिक के लिए या एक वर्ष में 1.5 करोड़ रु. से अधिक के लिए बाह्य निकायों को परामर्श कार्य पर लगाने/परामर्श प्राप्त करने पर व्यय का भार उठाना
(ख) संपत्ति विकास योजनाओं के साथ, अर्थात् प्रत्येक मामले में 50 लाख रु. से अदिक के लिए या क्षेत्रीय रेलों, उत्पादन इकाईयों तथा आरडीएसओ के लिए एक वर्ष में 2.5 करोड़ रु. से अधिक के लिए बाहरी निकायों से केवल वाणिज्यिक उपयोग के लिए परामर्श कार्य पर लगाने/परामर्श प्राप्त करने पर व्यय का भार उठाना।
(प्राधिकार: बोर्ड का 29.5.2000 का पत्र सं. एफ (X) II/2000/पीडब्ल्यू/2 तथा 9.1.2003 का पत्र सं. एफ (X) II/2003/पीडब्ल्यू/1)।
नोट :
i)इन शक्तियों का प्रयोग महाप्रबंधक द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा और इन्हें आगे नहीं सौंपा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन-हाउस क्रिया-कलापों के लिए रेलवे द्वारा कोई ठेका न दिया जाए।
ii)वाणिज्यिक उपयोग के लिए प्रदान किए गए परामर्शी ठेके का विवरण सूचना हेतु सभी अन्य महाप्रबंधकों को भेजा जाए ताकि पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
iii)महाप्रबंधक, वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी के साथ परामर्श करके उचित तय करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसमें नियत सीमा का किसी भी परिस्थिति में उल्लंघन न हो।
iv)ओपन लाइन के परामर्शी ठेके के लिए वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी (बजट एवं व्यय) निविदा समिति के सदस्य होंगे तथा निर्माण संगठन के लिए वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी (निर्माण) को निविदा समति के सदस्य के रूप में नामित किया जा सकता है। यदि किसी मामले में जहां वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी (निर्माण) उच्च प्रशासनिक ग्रेड में हैं तो वे निर्माण संगठन में उपलब्ध वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी में से एक को निविदा समिति के वित्त सदस्य के रूप में नामित कर सकते हैं।
v)सभी क्षेत्रीय रेलों द्वारा निर्णय लिए गए सभी मामलों को मासिक पत्र के माध्यम से अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड तथा वित्त आयुक्त को सूचित किए जाएं ताकि इन शक्तियों के प्रयोग का आकलन किया जा सके।
vi)एजेंसी/परामर्शदाता प्रतिष्ठित/सरकारी मान्यता प्राप्त होनी चाहिए तथा संबंधित क्षेत्र का पर्याप्त अनुभव होना चाहिए।
(प्राधिकार: बोर्ड का 29.5.2000 तथा 27.3.2001 का पत्र सं. एफ (X) II/2000/पीडब्ल्यू/2 और 9.1.2003 का पत्र सं. एफ (X) II/2003/पीडब्ल्यू/1)।
31. (क) उच्चतम न्यायालय में अपील फाइल या डिफेंड करना।
(ख) विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा निर्धारित फीस के स्केल से अधिक पर रेलवे काउंसिल को आबद्ध करना।
(ग) उच्चतम न्यायालय या अन्य किसी न्यायालय में 1050/- रु. से अधिक या अन्य कहीं 750/- रु. प्रति दिन से अधिक पर रेलवे काउंसिल को आबद्ध करना।
(घ) संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा नियत फीस के स्केल से अधिक पर फीस का भुगतान।
32. रेलवे संस्थान, अस्पतालों और स्कूलों सहित निजी निकायों को चंदा या निजी व्यक्तियों को भत्ता या फीस का भुगतान रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा या स्केल से अधिक।
33. (क) प्रत्येक मामले में 25,000/- रु. से अधिक के लिए निजी व्यक्ति को मध्यस्थता शुल्क का भुगतान।
नोट :
(i)किन परिस्थितियों के अंतर्गत निजी व्यक्ति की नियुक्ति की गई, यह बोर्ड की जानकारी में लाया जाए।
(ii)न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थ को फीस के भुगतान पर यह लागू नहीं होग, जिसके लिए महाप्रबंधक द्वारा पूरी शक्तियों का प्रयोग किया जाएगा।
(प्राधिकार: बोर्ड का 29.5.2000 का पत्र सं. एफ (X) II/2000/पीडब्ल्यू/2)।
(ख) चिकित्सा संस्थान को योगदान/चंदे का भुगतान, यदि चिकित्सा सहायता ऐसी संस्थाओं द्वारा रेलवे कर्मचारियों को प्रदान की जाती है, तो यह प्रति वर्ष 1000/- रु. से अधिक होगी।
(ग) वृत्तिक संस्थाओं को सहायता या चंदे का भुगतान, प्रत्येक मामले में प्रति वर्ष 1000/- रु. से अधिक होगा।
(प्राधिकार: बोर्ड का 26.6.96 का पत्र सं. एफ (X) II/94/पीडब्ल्यू/3)।
नोट :
- क्षतिग्रस्त प्रेषण के मूल्य का आकलन करने के लिए लगाए गए सर्वेक्षकों को फीस के भुगतान के लिए महाप्रबंधक को पूरी शक्ति मिली हुई है।
- अन्य किसी मद के लिए, जिसके लिए वर्तमान आदेशों में कोई स्केल निर्धारित नहीं है, इसके लिए रेल प्रशासन के पास कोई शक्तियां नहीं हैं।
34. रेलवे दुर्घटनाओं के मामले में मुआवजे का भुगतान, अन्यथा निम्न प्रकार विनिर्दिष्ट है :
(क) साधारण यात्री (नीचे संवर्ग ख में उल्लिखित सरकारी कर्मचारियों सहित उनके आश्रित)।
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं.F(X)II-2000/PW/2 दि. 23/1/2001) किसी कल मामले में 4 लाख रु. तक।
(ख) सेना की ड्यूटी पर यात्रा करने वाले सैनिक। कोई शक्तियां नहीं। सभी मामले उच्च प्राधिकारी को सौंपे जाएंगे।
(ग) रेलवे की लापरवाही या असावधानी के कारण हुई दुर्घटना से यात्रियों के घायल होने या संपत्ति के नुकसान के लिए (रेलवे यात्रियों के अलावा) 10,000/- रु. तक।
(घ) न्यायालय द्वारा दावों की डिक्री। इस प्रकार की गई डिक्री राशि का भुगतान करने की पूरी शक्ति।
(ण) सरकार के विधि अधिकारी के परामर्श पर न्यायालय से बाहर दावों का निपटान। किसी एकल मामले में 25,000/- रु. तक।
35. दावों का भुगान, अन्यथा जैसा कि नीचे विनिर्दिष्ट है या गुम या क्षतिग्रस्त हुए माल से संबंधित मुआवजे के लिए दावों तथा ये रेल दुर्घटना के कारण हुए हों–
(i) न्यायालय से बाहर निपटाए गए दावे। प्रत्येक मामले में 10,000/- रु. तक।
(ii) न्यायालय द्वारा डिक्री किए गए दावे। पूरी शक्ति मिली हुई हैं, परंतु यह शर्त है कि व्यय सम्मिलित मामले का विवरण प्रत्येक मामले में 25,000/- रु. से अधिक है और इसकी रिपोर्ट सूचनार्थ रेलवे बोर्ड को दी जाए।
नोट : उपरोक्त मद सं. 35(i) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को अधीनस्थ प्राधिकार को पुनः सौंपा न जाए।
36. संविदा से उत्पन्न किसी विवाद के विरुद्ध पंचाट के निर्णय द्वारा दावों का निपटान। पूरी शक्तियां हैं किंतु यह शर्त है कि रेलवे बोर्ड को सूचित किया जाए-
(i) जहां पंचाट के निर्णय के फलस्वरूप ठेके का भुगतान 50,000/- रु. से अधिक है, वहां पंचाट की कार्यवाही प्रारंभ होने से पूर्व रेलवे प्रशासन द्वारा ध्यान देने की आवश्यकता है।
(ii) जहां रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित ठेके या प्रक्रिया की सामान्य शर्तों में कमियां उजागर हों;
नोट : उपर्युक्त मद सं. 36 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को विभागाध्यक्ष से निचले स्तर के प्राधिकारी को पुनः न सौंपा जाए।
[च- कार्यों पर व्यय, सामान्य कार्यगत व्यय पर पूरी तरह प्रभार्य नहीं]
37. प्रारंभिक निर्माण कार्यक्रम में समावेश के लिए :-
(क) योजना शीर्ष के अंतर्गत नए कार्य - नई लाइनें, गेज परिवर्तन, रेल विद्युतीकरण, महानगर परिवहन परियोजना, कंप्यूटरीकरण तथा नई उत्पादन इकाई की स्थापना; और
(ख) 5 करोड़ रु. से अधिक के अन्य नए कार्य।
आउट ऑफ टर्न कार्य
38. नई लाइनों, गेज परिवर्तन, रेल विद्युतीकरण कार्य, महानगर परिवहन परियोजना, कंप्यूटरीकरण, नई उत्पादन इकाई की स्थापना या चल स्टॉक पर व्यय का भारग्रहण या सर्वेक्षण, जिसका वर्ष के स्वीकृत बजट में प्रबंध नहीं किया गया है या पिछले वर्ष के स्वीकृत बजट से आगे लिया गया है।
39. स्वीकृत बजट में प्रबंध नहीं के गए कार्यों पर व्यय का भार या निम्न को छोड़कर, किसी पिछले वर्ष के स्वीकृत बजट से आगे ले जाना-
(क) (i) यातायात सुविधा के कार्य - प्रत्येक 50 लाख रु. की लागत से कम,
(ii) पुल कार्यों, सिगनल और दूरसंचार के अंतर्गत संरक्षा संबंधी कार्य तथा रेलपथ नवीकरण योजना शीर्ष – प्रत्येक 50 लाख रु. की लागत से कम,
(iii) अन्य कार्य – प्रत्येक 30 लाख रु. की लागत से अधिक नहीं,
(iv) मशीनरी और प्लांट – प्रत्येक 10 लाख रु. की लागत से अधिक नहीं,
बशर्ते ऐसे कार्य के लिए बजट में कुल एकमुश्त प्रावधान ज्यादा न हो।
(ख) (i) यातायात सुविधा कार्य तथा लाइन क्षमता कार्य - प्रत्येक 50 लाख रु. की लागत से कम,
(ii) पुल कार्यों, सिगनल और दूरसंचार के अंतर्गत संरक्षा संबंधी कार्य तथा रेलपथ नवीकरण योजना शीर्ष - प्रत्येक 50 लाख रु. की लागत से कम,
(iii) अन्य कार्य - प्रत्येक 30 लाख रु. की लागत से अधिक नहीं,
बशर्ते एक वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रु. (एकमुश्त के अलावा) की बजट सीमा, जिसमें से 3 करोड़ रु. से कम की राशि संरक्षा संबंधी मदों के अलावा होगी किंतु शर्त यह है कि संरक्षा संबंधी सभी कार्य स्वीकृति की तिथि से अधिकतम 8 माह की अवधि में पूरे किए जाएं।
नोट : (1) गत वर्ष से आगे लिए गए कार्य को तभी किया जाएगा, यदि स्वीकृत आबंटन के अंतर्गत पुनः विनियोजन द्वारा इनके लिए अपेक्षित निधि पाई जाएगी।
(2) रेलवे बोर्ड के पूर्व अनुमोदन के बिना उपरोक्त मद (ख) के कार्य की कोटि के लिए स्वीकृत बजट में एकमुश्त प्रावधान में बचत का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
(ग ) उपयोगकर्ताओं की सुविधाओं के संबंध में नए कार्यों के ले आउट ऑफ टर्न व्यय की स्वीकृति की लागत प्रत्येक मामले में 30 लाख रु. से अधिक नहीं होगी, जैसा कि नीचे नोट में शर्तें दर्शाई गई हैं और वर्तमान रेलवे स्कूल, अस्पताल, डिसपेंसरी तथा संस्थान के संबंध में प्रत्येक मामले में 10 लाख रु. से ज्यादा नहीं हों, बशर्ते यह प्रावधान हो कि इन कोटि के कार्यों के लिए स्वीकृत बजट में प्रावधान के अनुसार ऐसे कार्यों के लिए अपेक्षित निधि हो और वह अधिक न हो।
नोट : (i) टिकाऊ तथा चिरस्थायी प्रकृति की सुख-सुविधाओं के सृजन पर बल दिया जाए और सुपरफीसियल मद जैसे - फर्नीशिंग एवं फर्नीचर इत्यादि के प्रावधान पर निधि व्यर्थ न की जाए।
(ii) सुख-सुविधा/सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यात्री संख्या संबंधी निर्धारित मानकों/पैरामीटर का अनुसरण किया जाए।
(iii)15 लाख रु. से अधिक और 30 लाख रु. के बीच आउट ऑफ टर्न कार्य की स्वीकृति महाप्रबंधक व्यक्तिगत रूप से विस एवं मुलेधि की व्यक्तिगत सहमति का प्रयोग करते हुए की जाए।
(iv) बशर्ते आउट ऑफ टर्न कार्य के लिए 10 करोड़ रु. की कुल सीलिंग हो।
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं.F(X)II-2003/PW/1, दि. 21/8/03).
40. (1) अनुमानों की स्वीकृति
क) 20 करोड़ रु. से अधिक के विस्तृत अनुमान लागत की स्वीकृति और जहां महाप्रबंधकों की सक्षमता के अंतर्गत सामान्य लागत नहीं है, निम्न मद सं. 40(2)(1) देखें।
नोट : यद्यपि महाप्रबंधक 20 करोड़ रु. से अधिक की अनुमान लागत को स्वीकृत कर सकते हैं, किंतु प्रत्येक मामले में 50 करोड़ रु. से कम, जहां न्यूनतम शर्तों के अंतर्गत सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कार्य को बजट में शामिल किया गया था :-
i) अनुमोदित लागत, यदि कोई हो, तो वह 25% तक सीमित है;
ii) सर्वे रिपोर्ट तथा सामान्य अनुमान में विचार के गए कार्य के क्षेत्र एवं प्रकृति की तुलना में, अनुमान की स्वीकृति के स्तर पर कोई परिवर्तन नहीं है।
iii) 20 करोड़ रु. से अधिक किंतु 50 करोड़ रु. से कम अनुमान लागत के मामले में महाप्रबंधक और विस एवंमुलेधि के स्तर पर व्यक्तिगत अनुमोदन प्राप्त है.
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं. F(X)II/2001/PW/6, दि. 30/4/2002.)
ख) रेलपथ नवीकरण अनुमान की स्वीकृति जहां आधिक्य महाप्रबंधक की सक्षमता के अंतर्गत नहीं है जैसा कि निम्न सब-आइटम 40(2) (1) में निर्धारित है।
40(2) अनुमानों से अधिक की स्वीकृति
1) स्वीकृत बजट में अनुमान लागत से अधिक के रूप में प्रविष्ट या निम्न प्रकार से उच्च प्राधिकारी द्वारा अलग से स्वीकृत :
क) एसकेलेशन के कारण लागत में वृद्धि – मूल अनुमान से 50% से ज्यादा।
ख) एसकेलेशन के अलावा लागत में अन्य कार्णों से वृद्धि - मूल अनुमान से 10% oसे ज्यादा या 10 करोड़ रु., इनमें जो भी कम हो।
नोट : 1. मूल अनुमान पर यह समग्र भिन्नता है और यदि क से भी अधिक संशोधित अनुमान स्वीकृत है तो आधिक्य नहीं हो सकता।
2. यह डेलीगेशन सामग्री परिवर्तन के संबंध में लागू नियमों को प्रभावित नहीं करेगा।
(प्राधिकार:बोर्ड का पत्र सं.F(X)II/2000/PW/2, दि.23/1/2001.)
2) एम एंड पी प्रोग्राम में सम्मिलित मशीनरी एंड प्लांट की अनुमान लागत से आधिक्य, मूल लागत के 30% से अधिक या 25 लाख रु., इनमें से जो भी कम हो।
नोट : संशोधित एम एंड पी अनुमान में सम्मिलित प्रत्येक 5 लाख रु. से अधिक की सामग्री परिवर्तन लागत को रेलवे बोर्ड को प्रेषित करना होगा।
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं.F(X)II/94/PW/3, दि. 2/8/95.)
40(3). सर्वे
उच्च प्राधिकारियों द्वारा स्वीकृत मूल अनुमान पर 20% से अधिक।
नोट : (i) महाप्रबंधक सर्वेक्षण अनुमान की स्वीकृति दे सकते हैं बशर्ते सर्वेक्षण कार्य को बजट में शामिल किया गया हो और अनुमोदित मानदंडों का पालन किया गया हो और बजट में दर्शाई राशि के अंतर्गत हो।
(ii) यह प्रत्यायोजन ऐसे कार्य पर लागू नहीं होगा, जहां आवश्यक क्रियाविधि अनुमोदित न हो।
(प्राधिकार:बोर्ड का पत्र सं.F(X)II/2000/PW/2, दि.27/6/2000)
40(4) एकमुश्त कार्य
i) वर्ष के लिए स्वीकृत बजट में उपलब्ध एकमुश्त कार्य पर व्यय या स्वीकृत बजट में ऐसे कार्य के लिए कुल एकमुश्त प्रावधान के अलावा किसी गत वर्ष के स्वीकृत बजट से आगे ले जाया गया।
ii) मद सं. 39 के अंतर्गत स्वीकृ कार्य के प्राक्कलन से अधिक की स्वीकृति, जहां नियम 40(2) के संदर्भ में प्रतिशत भिन्नता महाप्रबंधक की सक्षमता से अधिक है।
नोट : गत वर्ष से आगे ले जाए गए कार्य को केवल तभी किया जेगा यदि इसके लिए अपेक्षित निधि स्वीकृत आबंटन के अंतर्गत पुनः विनियोजन द्वारा पाई जाए।
विविध
41. निम्न की बिक्री के लिए -
क) रेलवे लाइन का कोई हिस्सा,
ख) प्राधिकृत चल स्टॉक की कोई मद या
ग) 3 लाख रु. से अधिक की कोई अन्य रेलवे सम्पत्ति।
42. किसी विद्यमान ओपन लाइन सेक्शन को यात्री यातायात के लिए स्थायी रूप से बंद करना या रोक देना।
43. ब्रांच या वर्क्ड लाइन पर ठेके के संबंध में परिवर्तन या उससे हटना।
44. नगदी, सामग्री, टूल्स एवं प्लांट की रिकवर न हो सकने वाली हानि को बट्टे-खाते डालना-
i) एक लाख रु. से अधिक की हानि के लिए जब रेलवे कर्मचारी जिम्मेदार हो।
ii) 2 लाख रु. से अधिक की हानि के लिए जब रेलवे कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हो।
नोट : (1) हानि का पता लगने पर, प्रत्येक महत्वपूर्ण मामले को रेलवे बोर्ड के ध्यान में लाया जाए। यदि हानि 50 हजार रु. से अधिक की नहीं हो अन्यथा जब तक असामान्य प्रतीत न हो या प्रक्रिया संबंधी गंभार दोष न हो, तो मामले की रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है।
(2) उचंत शीर्ष के अंतर्गत अपर्याप्त बैलेंस, यदि एक लाख रु. से अधिक नहीं हों तो उसे महाप्रबंधक द्वारा बट्टे-खाते में डाला जा सकता है।
45. प्रतिष्ठित आगंतुकों के मनोरंजन अथवा विदेशी कंपनी सहित प्रतिष्ठित अधिकारी या गैर-सरकारी व्यक्ति, विदेशी टेक्निकल एसोसिएट्स, विदेशी तकनीकी विशेषज्ञ तथा व्यापार एवं उद्योग के प्रतिनिधि से संबंधित प्रति वर्ष 40,000/- रु. से अधिक व्यय का भारग्रहण।
(प्राधिकार:बोर्ड का पत्र सं.F(X)II/2000/PW/2, दि. 27/6/2000.)
46. भारतीय रेलवे कोड में निहित नियमों के अनुरूप के अलावा या रेलवे बोर्ड द्वारा जारी कोई सामान्य या विशेष आदेश –
i) सहायता प्राप्त साइडिंग का निर्माण
ii) भूमि का अधिग्रहण, पट्टा या निपटान।
47. i) प्रत्येक संविदा (कार्य संविदा) के लिए 40 करोड़ रु. से अधिक के स्वीकृत कार्य के संबंध में ठेका करना और
ii) प्रत्येक संविदा (भंडार संविदा) के लिए 15 करोड़ रु. से अधिक के भंडार की खरीद के संबंध में ठेका करना।
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं.F(X)II/2003/PW//1, दि. 26/5/2003.)
48. ठेकेदारों को अग्रिम का भुगतान –
i) ठेका मूल्य से 10% से अधिक के लिए अग्रिम जुटाना।
ii) नई मशीनरी तथा प्लांट के लिए अग्रिम – ठेका मूल्य के 10% से अधिक या कार्य स्थल पर ली गई मशीनरी एवं प्लांट के मूल्य का 75% (इनमे से जो भी कम हो)।
iii) विशेष परिस्थितियों में कार्य में तेजी लाने के लिए अग्रिम- ठेका मूल्य का 5% से अधिक या Rs 5 लाख रु. (इनमें से जो भी कम हो)।
नोट : उपर्युक्त उल्लिखित सभी अग्रिम रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित या 18% की दर से प्रभार्य ब्याज की वसूली पर होंगे।
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं.F(X)II-97/PW/4, दि. 5/5/98).
49. संरक्षा कार्य के अलावा किसी सामग्री परिवर्तन प्राक्कलन के लिए जिसकी लागत 30 लाख से अधिक है और पुल कार्य, सिगनल एवं दूरसंचार तथा महाप्रबंधक या उच्च प्राधिकार द्वारा स्वीकृत रेलपथ नवीनीकरण योजना शीर्ष से संबंधित संरक्षा के 50 लाख रु. से अधिक के कार्य।
नोट : इस प्राधिकार का कार्य निष्पादन निम्न शर्तों पर आधारित होगा :
i) प्राक्कलन की अधिक या संशोधित लागत महाप्रबंधक की शक्ति से आगे नहीं होगी।
ii) 15 लाख रु. से अधिक किंतु 50 लाख रु. से कम लागत के सामग्री परिवर्तन प्राक्कलन को क्रमशः वि.स. एवं मुलेधि तथा महाप्रबंधक/अपर महाप्रबंधक द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्वीकृत तथा प्रमाणित किया जाएगा।
iii) संरक्षा संबंधी कार्यों की सामग्री का परिवर्तन कार्य स्वीकृति तिथि से अधिकतम 8 माह की अवधि के भीतर कर लिया जाए।
(प्राधिकार: बोर्ड का पत्र सं. F(X)II-2003/PW/1, दि. 9/1/2003).
50. निम्न को छेड़कर अन्य किसी मामले में आहार भत्ते का भुगतान –
क) ऐसे रेलवे कर्मचारी को जो क्षयरोग या कुष्ठ रोग या मानसिक बीमारी के अलावा अन्य किसी बीमारी के उपचार के लिए रेलवे या गैर-रेलवे अस्पतला में भर्ती हो और कर्मचारी का मूल वेतन 4200/- रु. प्रति माह से अधिक न हो।
ख) (i) ऐसे रेलवे कर्मचारी या उसके परिवार के किसी सदस्य को, जो क्षयरोग या कुष्ठ रोग या मानसिक बीमारी के लिए रेलवे अस्पताल या अनुमोदित संस्थान में उपचार करवा रहा हो और कर्मचारी का मूल वेतन 6200/- रु. प्रति माह से अधिक न हो।
(ii) ऐसे रेलवे कर्मचारी के ऐसे किसी आश्रित को, जो क्षयरोग या कुष्ठ रोग या मानसिक बीमारी के लिए रेलवे अस्पताल या अनुमोदित संस्थान में उपचार करवा रहा हो और कर्मचारी का मूल वेतन 6200/- रु. प्रति माह से अधिक न हो।
नोट : अस्थायी कर्मचारी के मामले में, कर्मचारी द्वारा सक्रिय ड्यूटी के दौरान आहरित अंतिम वेतन इस उप-नियम के उद्देश्य से मूल पद वेतन के रूप में लिया जाएगा।
ग) ऐसे व्यक्ति को, चाहे वह रेलवे कर्मचारी है या नहीं, आपात स्थिति में जो रेलवे से ऐसी सहायता चाहता है, जिसमें जीवन की आवश्यकता के संबंध में दिक्कतों के तहत जीवित रहना सम्मिलित है।
नोट : (i) घायल या बीमार गरीब यात्री, जिन्हें रेलवे अस्पताल में लाया जाता है तथा अतिक्रमण करने वाले, जिन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें रेल प्रशासन के खर्च पर भोजन जिया जा सकता है तथा व्यय को रेलवे के सामान्य कार्यगत व्यय के हिस्से के रूप में लिया जा सकता है।
(ii) ड्यूटी के दौरान घायल रेलवे कर्मचारी को रेलवे अस्पताल या गैर-रेलवे अस्पताल में इनडोर इलाज के लिए ऐसे आहार की लागत को मुफ्त आहार या प्रतिपूर्ति स्वीकृत करने की शक्ति महाप्रबंधक को प्राप्त है, इस अवधि के दौरान वे मरीज भर्ती रहे हों और यह अवधि एक वर्ष से अधिक न हो, इसके बाद उन्हें स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और सेवा से हटा दिया जाएगा।
51. रेल प्रशासन के विरुद्ध झूठे एवं नुकसान पहुंचाने वाले आर्टिकल के प्रकाशन के लिए अखबार के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही आरंभ करना।
52. निम्न शर्तों को छोड़कर बाहरी शक्तियों को बिजली की आपूर्ति -
i) बिजली अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया जाता;
ii) ऐसी आपूर्ति के कारण कोई अतिरिक्त, तत्काल या आकस्मिक व्यय नहीं होगा;
iii) रेलवे को बिना किसी असुविधा तथा इसकी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद आपूर्ति की जाएगी;
iv) उत्पादन की लागत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सभी के मद्देनज़र लाभ के लिए दरें चार्ज करने की अनुमति है तथा क्या उक्त दरें रेलवे कर्मचारियों को सप्लाई की जा रही है; और
v) रेलवे को यह शक्ति प्राप्त है कि वह किसी सूचना तथा मुआवजे के बगैर आपूर्ति को रोक सकती है।
53. वर्तमान नगदी तथा भुगतान व्यवस्था में कोई परिवर्तन।
54. प्रत्येक वित्तीय वर्षके दौरान निर्माण के लिए स्वीकृत माल तथा कोचिंग स्टॉक के लिए, इस बात को ध्यान में रखे बिना, नए डिजाइन आरंभ करना कि स्टॉक विद्यमान, स्वीकृत या नए डिजाइन के अनुरूप बनना है।
55. वर्तमान चल स्टॉक तथा मरीन वेसल्स के डिजाइन, परिव्यय या उपस्कर में परिवर्तन, बदलाव या संशोधन में सम्मिलित है:-
क) अधिकतम तथा न्यूनतम रनिंग डायमेंशन के निर्धारण का उल्लंघन, जब तक कि पहले से स्वीकृत न हो;
ख) कोचिंग तथा गुड्स वाहन तथा मरीन वेसल्स की राजस्व आय क्षमता में कमी, जैसे कोचिंग वाहन की श्रेणी और सीटिंग क्षमता में तथा मरीन वेसल्स में परिवर्तन तथा गुड्स वाहनों केमामले में एकल लोड और टियर के बीच संबंधों में स्थायी कमी;
ग) सार्वजनिक वाहन को रेलवे सर्विस वाहन में बदलना तथा इसके विपरीत करना और सामग्री परिवर्तन (जैसे, वर्तमान रेलवे सर्विस वाहनों में पहिया व्यवस्था आदि में परिवर्तन);
घ) यात्रा करने वाली जनता के लिए नई सुविधाएं, फिटिंग तथा उपकरण लगाना, जहां पहले इन कार्यों के लिए बोर्ड का अनुमोदन नहीं लिया जाता था अर्थात् कैरिज में कूलिंग की व्यवस्था, द्वितीय श्रेणी डिब्बो में बिजली के पंखे, शौचालय के प्रकारों में बदलाव तथा अन्य प्रकार के उपकरण, जो नीतिगत मामलों में आते हैं।
56. सभी तरह के प्राधिकृत स्टॉक में परिवर्तन।
57. किसी भी वस्तु पर कोई भी व्यय, जो पहले रेलवे व्यय के लिए फिट नहीं मानी जाती थी।
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