यात्री सुविधाओं में नए रुझान :
अनारक्षित यात्रियों की सुविधा के लिए, इस वर्ष कंप्यूटर आधारित अनारक्षित टिकटिंग की एक नई पायलट परियोजना की शुरुआत की गई है। इस नेटवर्क द्वारा सेवित प्रतिदिन 13 मिलियन यात्रियों में से लगभग 12 मिलियन अनारक्षित यात्री होते हैं। इस विशाल संख्या की सेवा के लिए दिल्ली क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर कंप्यूटर आधारित टिकटिंग प्रणाली की शुरुआत की गई है और आने वाले समय में यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की कर दी जाएगी। इसके साथ ही, अनारक्षित टिकटें यात्रा आरंभ करने वाले स्टेशन के अलावा भी अन्य किसी भी स्टेशन से जारी की जा सकती हैं, इससे बुकिंग कार्यालयों तथा स्टेशनों पर भीड़भाड़ कम की जा सकेगी।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम :
रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र की मदद से ऑन लाइन टिकटिंग सुविधा की शुरुआत की गई है, इसके लिए irctc.co.in वेबसाइट को खोलना होता है। 245 नए स्थलों पर कंप्यूटरीकृत आरक्षण सुविधा प्रदान की गई हैं। वर्तमान में, पूरे देश में 758 स्थलों पर ये सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो यात्री आरक्षण के कुल कार्यभार का 96 प्रतिशत कार्य संभालती हैं। कंप्यूटरीकृत आरक्षण सुविधा संबंधी जानकारियां जैसे, स्थान उपलब्धता, यात्री की स्थिति, गाड़ी का समय, किन्हीं दो स्टेशनों के बीच गाड़ियां आदि वेब इनेबल हो चुकी हैं।
आटोमेटिड टैलर मशीन (ATMs) के माध्यम से मासिक और त्रैमासिक टिकटें जारी किए जाने की एक पायलट परियोजना इस वर्ष मुंबई में शुरु की गई है और यह बहुत सफल रही है। टिकट खरीद से संबंधित एक अन्य पायलट परियोजना भी शुरु की गई है जिसमें मासिक और त्रैमासिक सीजन टिकटें स्मार्ट कार्ड के माध्यम से भी खरीदी जा सकती हैं।
अपग्रेड किए गए यात्रियों संबंधी जानकारी और पूछताछ के लिए राष्ट्रीय गाड़ी पूछताछ प्रणाली की शुरुआत की गई है। यह सिस्टम वर्तमान स्थिति के आधार पर ट्रेन रनिंग की स्थिति बताता है, जिसके लिए विभिन्न आउटपुट डिवाइस, जैसे स्टेशनों पर पूछताछ के लिए टर्मिनल और महत्वपूर्ण स्टेशनों पर इंटरएक्टिव वायस रेस्पांस सिस्टम (IVRS) हैं। अब तक 98 स्टेशनों पर यह परियोजना क्रियान्वित की जा चुकी है।
माल परिचालन सूचना प्रणाली (FOIS) रेक प्रबंधन प्रणाली (RMS) के क्रियान्वयन से रेलवे द्वारा माल परिचालन का कंप्यूटरीकरण कर लिया गया है। 235 स्थलों पर ऐसे एफओआईएस टर्मिनल मौजूद हैं।
रेलवे ने अपना स्वयं का इन्ट्रा-नेट 'रेलनेट' स्थापित कर लिया है। यह रेलवे बोर्ड, क्षेत्रीय मुख्यालयों, मंडलीय मुख्यालयों, उत्पादन इकाईयों, प्रशिक्षण केंद्रों आदि के बीच नेटवर्किंग की व्यवस्था करता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्रशंसनीय कार्यनिष्पादन रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, विशेषकर इरकॉन और राइट्स ने पिछले तीन वर्षों में प्रशंसनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इरकॉन इंटरनेशनल ने वर्ष 2001-02 के दौरान 900 करोड़ रु. का रिकार्ड टर्नओवर प्राप्त किया और पिछले कुछ वर्षों में इस प्रतिष्ठित संस्थान की विदेशी मुद्रा आमदनी में छह गुना बढ़ोतरी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, इस समय इरकॉन मलेशिया, बांग्लादेश और इंडोनेशिया में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है। अपने स्टर्लिंग ट्रेक रिकार्ड के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज़ कराई है।
राइट्स, रेल मंत्रालय के अधीन एक अन्य प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसने पिछले तीन वर्षों के दौरान अपने कार्यनिष्पादन, लाभ और अपने शेयरधारकों को लाभांश देकर नित नई ऊचाईयों को छुआ है। इसका टर्नओवर वर्ष 1999 में 172 करोड़ रु. से बढ़कर वर्ष 2002 में 283 करोड़ रु. हुआ है। अपने प्रशंसनीय कार्यनिष्पादन के कारण इस वर्ष राइट्स ने ISO-9001 प्रमाणन पत्र प्राप्त किया है। कंपनी ने एशिया और अफ्रीका के अनेक देशों में रेल इंजनों के निर्यात/पट्टे पर दिए जाने के क्षेत्र में भी प्रवेश किया है। राइट्स का कार्यक्षेत्र कोलंबिया, यूनाइटेड किंग्डम, ईरान, मलेशिया, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, तंजानिया, युगांडा, इथोपिया, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान सहित पूरे विश्व में फैला हुआ है।
भारतीय रेल वित्त निगम लिमिटेड ने कार्यनिष्पादन के लिए निर्धारित लक्ष्यों के आधार पर सार्वजनिक उद्यम विभाग से लगातार चौथे वर्ष उत्कृष्ट रेटिंग प्राप्त की है। मानक और खराब रेटिंग के बावजूद, इंटरनेशनल क्रेडजिट रेटिंग एजेंसी ने भी भारतीय रेल वित्त निगम को सर्वश्रेष्ठ रेटिंग प्रदान की है। निगम लाभ में है और लाभांश अदा कर रहा है।
भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम ( IRCTC ) द्वारा दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरू, मुंबई और कोलकाता में इंटरनेटआधारित टिकट बुकिंग शुरु की गई है। पुणे और चेन्नई में ग्राहक अनुकूल वातावरण वाले स्वस्थकर वातानुकूलित फूड-प्लाज़ा खोले गए हैं और 17 और स्थलों पर ऐसे प्लाज़ा खोले जाने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। कुल मिलाकर, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक समस्त क्षेत्रीय रेलों पर 50 ऐसे प्लाज़ा खोले जाएंगे। रेलनीर – इस वर्ष दिसंबर से पैकेज्ड पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
निगम द्वारा इस वर्ष शुरु किए गए वैल्यू एडिड टूर पैकेज प्रोग्राम का पचास हजार से भी अधिक पर्यटकों ने लाभ उठाया है।
कोंकण रेलवे द्वारा अभिनव प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल :
कोंकण रेल निगम (KRC), भारतीय रेलवे का तकनीकी आश्चर्य है, जिसने कुछेक नई प्रौद्योगिकियों का आविष्कार किया है। कोंकण रेल निगम के भिड़ंत-रोधी उपस्कर (ACD), अधुनातन देशी प्रौद्योगिकी के इस समय गहन फील्ड परीक्षण किए जा रहे हैं, जो रेलगाड़ियों के बीच होने वाली भिड़ंत को रोक पाने में सक्षम है। कोंकण रेलवे द्वारा आविष्कृत स्काई बस मेट्रो एक अन्य अभिनव, सस्ता और पर्यावरण-अनुकूल तीव्र जन परिवहन व्यवस्था है। कोंकण रेलवे द्वारा आविष्कृत सेल्फ स्टेबलाइजिंग ट्रेक (SST), इस समय जिसका परीक्षण किया जा रहा है, निकट भविष्य में सर्वाधिक तेज़ गति की रेलगाड़ी चलाने में रेलवे की मदद करेगा और रेलपथों को अधिक सुरक्षित और अबाधित बनाएगा।
निजी क्षेत्र की भागीदारी :
रेलवे तंत्र के विकास में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ी है। पिपावा पोर्ट को रेलवे की बड़ी लाइन से जोड़े जाने के लिए पिपावा पोर्ट अथारिटी के साथ एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई गई है। रेल मंत्रालय और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, प.बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड की राज्य सरकारों के बीच इन राज्यों में रेलवे तंत्र के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
दूरसंचार - नए रुझान :
रेलवे को बेहतर दूरसंचार प्रणालियां देने के लिए, ऑप्टिकल फाइबर आधारित कम्यूनिकेशन सिस्टम अपनाया गया है और ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य इस वर्ष 7,700 रूट किलोमीटर तक बढ़ाया गया है। रेलवे ट्रेकों के साथ-साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के उद्देश्य से नेशनवाइड ब्राडबैंड मल्टीमीडिया नेटवर्क बनाने के लिए रेल टेल कार्पोरेशन की स्थापना की गई है। यह सिस्टम बेहतर परिचालनिक और यात्री सुविधाएं और रेलवे को अतिरिक्त राजस्व प्रदान कराएगा।
नई प्रौद्योगिकियां :
भारत पहला विकासशील और विश्व का पांचवा ऐसा देश है, जिसने स्वेदश निर्मित अधुनातन; उच्च अश्व शक्ति के तीन फेज़ वाले विद्युत इंजनों का निर्माण किया है, ऐसा प्रथम इंजन, चित्तरंजन रेल इंजन कारखाने (CLW) से निकला है। स्वेदश में रेल इंजनों के निर्माण के क्षेत्र में चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना निरंतर प्रगति कर रहा है और रेल इंजनों का लागत कम होकर 13.65 करोड़ रु. के स्तर पर आ गई है।
डीजल रेल इंजन कारखाना, वाराणसी द्वारा इस वर्ष अप्रैल में एक अधुनातन 4000 अश्वशक्ति वाले ए.सी./ए.सी. डीजल इंजन का निर्माण किया गया है। ये इंजन 4,800 टन भार वाली मालगाड़ी को 100 कि.मी.प्र.घ. की गति से खींच सकते हैं और एक बारी में बड़े अनुरक्षण कार्य के बिना लगातर 90 दिन तक निरंतर चल सकते हैं।
सम्मान और पुरस्कार
भारतीय रेलवे को खेलकूद, पर्यटन को क्षेत्र और परिचालनिक मामलों में अनेक सम्मान मिल चुके हैं। मानचेस्टर में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय टीम ने रेलवे की टीम केशानद्रा प्रदर्शन के फलस्वरूप रिकार्ड परफोर्मेंस दिया। जिस महिला हॉकी टीम ने स्वरण पदक जीता था, उसमें केवल एक खिलाड़ी को छोड़कर सभी खिलाड़ी रेलवे की थीं। भारतीय रेलवे के मो.अली कमर ने बाक्सिंग का स्वर्ण पदक जीता और रेलवे के अन्य खिलाड़ियों ने भी कई टीम इवेंट में भारत को मेडल जिताने में मदद की। रेलवे के अनेक खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार और कई प्रमुख खेल पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को यूनेस्को से वर्ल्ड हेरिटेज का दर्ज़ा मिल चुका है।
फेयरी क्वीन, विश्व का सबसे पुराना चालू इंजन है, जिसका नाम गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल है, को मार्च, 2000 में इंटरनेशनल पर्यटक ब्यूरो, बर्लिन द्वारा हेरिटेज अवार्ड प्रदान किया गया है। परिचालनिक फ्रंट पर, दिल्ली मेन स्टेशन अपने सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिग सिस्टम के कारण गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो चुका है।
सामाजिक दायित्व और गरीब वर्गों का ध्यान
वरिष्ठ नागरिकों, विद्यार्थियों, अशक्त व्यक्तियों आदि को रेलवे रियायतें प्रदान करती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में नए कदम उठाए गए हैं, जिसमें 65 से 60 वर्ष आयु वर्ग की वरिष्ठ महिला नागरिकों को विशेष रियायत विशेष नेत्रहीन और मानसिक रोगियों को रियायती दरों पर वातानुकूलित श्रेणी में यात्रा की अनुमति दी गई है। दसवीं कक्षा तक के स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को घर से स्कूल के बीच आने-जाने के लिए निःशुल्क मासिक सीजन टिकट दिए जाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।
विदेशी रेलों के साथ टाई-अप
भारतीय रेलवे अपने सिस्टम में अधुनातन सुविधाएं लाने के लिए विश्व की रेलों से निरंतर संपर्क बनाए हुए है। इस दिशा में, विएना में आयोजित इंडो-आस्ट्रिया ज्वाइंट इकोनॉमिक कमीशन के आठवें सत्र के दौरान एकसमझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे भारतीय और आस्ट्रियन रेलवे के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर के लेन-देन संबंधी आपसी लाभ के लंबे समन्वय संबंध और गहरे होंगे। भारतीय रेलवे द्वारा नई दिल्ली में यूनियन ऑफ रेलवेज़ के तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें विश्व के अनेक उद्योगों और रेलों से संबंधित डेलिगेट शामिल हुए।
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