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पृष्ठभूमि
विभिन्न देशों में अकाउंटिंग फ्रेमवर्क का विकास देशी तौर पर उपजे कारकों पर आधारित है और इससे लेखाकरण प्रक्रियाओं में रोचक और महत्वपूर्ण अंतर को बढ़ावा मिलता है। जैसे आर्थिक बदलाव, नए आर्थिक विकास के मॉडल, वित्तीय विवरणों में उपयोगकर्ता की संभावनाओं में परिवर्तन, निवेशक के विश्वासको बने रखने की आवश्यकता, मूल्यह्रास, विधिक आवश्यकताएं आदि में एक से दूसरे दशक में पर्याप्त बदलाव और सुधार होते हैं, ऐसा ही अकाउंटिंग फ्रेमवर्क और मानकों में भी होता है। लेखाकरण मानकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों से अनिश्चितता कम होगी, कुल कार्य दक्षता बढ़ेगी, निवेशक के विश्वास का उच्च स्तर बना रेहगा और संगठन की बहुत अच्छी वित्तीय शक्ति प्रदर्शित होगी। लेखा परिणामों के अलावा लेखाकरण मानकोस स्ट्रक्चर और प्रक्रियाओं से बिजनेस परिणामों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। भारतीय रेलवे अपनाई गई लेखाकरण प्रणाली गतिविधियों के मद्देनज़र परिचालनिक लागतों का एक पर्याप्त रूप से विस्तृत विवरण प्राप्त करता है। किंतु बढ़ते बिजनेस के लिए कुछ बदलाव उसी तरह अपेक्षित होने आवश्यक हैं जैसा कि लेखाकरण सूचना कैप्चर की गई, उसकी ग्रुपिंग की गई और अभी तक उसका रखरखाव किया गया है।
उद्देश्य
परियोजना का उद्देश्य भारतीय रेलवे के कामर्शियल ओरिएंटेशन के सुधार के लिए इंस्टीट्यूशनल और पालिसी रिफॉर्म के प्रोग्राम के सपोर्टिंग क्रियान्वयन द्वारा रेलवे के कार्य-निष्पादन का सुधार करना है, साथ ही वित्तीय, वाणिज्यिक और प्रबंधन जानकारी और कोर बिजनेसों के विस्तार को प्राथमिक निवेशों को वित्तीय लाभ देते हुए सपोर्ट देना है ताकि रेलवे की कार्यक्षमता की प्रतिस्पर्धा से उबरा जा सके और परिचालनिक दक्षता और संरक्षा में सुधार लाया जा सके।
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